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भारत की सुपरसोनिक मिसाइल को डिटेक्ट करने में नाकाम रहा पाकिस्तान, स्थानीय लोगों ने दी जानकारी

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बालाकोट एयर स्ट्राइक की तरह ही पाकिस्तान को भारत की सुपरसोनिक मिसाइल के बहावलपुर के करीब मिया चन्नू इलाके में गिरने की कानों-कान खबर तक नहीं लगी थी. स्थानीय लोगों के इलाके में मिसाइल गिरने की खबर देने के बाद ही पाकिस्तानी सेना नींद से जागी थी. सूत्रों के मुताबिक, यही वजह है कि पाकिस्तान की वायुसेना भारतीय मिसाइल को ट्रैक नहीं कर पाई थी. 

तीन दिन पहले यानी 10 मार्च को पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि 9 मार्च को पाकिस्तान की एयर-डिफेंस सिस्टम ने भारतीय मिसाइल को सिरसा में लॉन्च होने के बाद से ही ट्रैक किया था, लेकिन सूत्रों की मानें तो भारतीय मिसाइल के पाकिस्तानी सीमा में 124 किलोमीटर अंदर जाकर गिरने के बाद तक कोई जानकारी नहीं थी. बिना वॉर-हेड यानी गोला-बारुद वाली ये मिसाइल जब मिया चन्नू इलाके में बूम (सुपरसोनिक) आवाज से गिरी और आस-पास की कच्ची इमारतों को तबाह कर दिया, तब स्थानीय लोगों से पाकिस्तानी सेना को इस मिसाइल के बारे में जानकारी हाथ लगी.

भारतीय मिसाइल को एचक्यू-9 डिटेक्ट या इंटरसेप्ट नहीं कर पाया

बता दें कि पिछले साल यानी अक्टूबर 2021 में ही पाकिस्तान ने चीन से एचक्यू-9 नाम का मिसाइल सिस्टम खरीदा था. उस वक्त पाकिस्तान ने इसे सबसे शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम करार दिया था, जो अवांछित मिसाइल, ड्रोन और विमानों को डिटेक्ट कर इंटरसेप्ट यानी मार गिरा सकता था. माना जा रहा है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान भी पाकिस्तान को भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 फाइटर जेट के एयर-स्पेस में आने की भनक नहीं लगी थी. इसी वजह से चीन से एचक्यू-9 सिस्टम खरीदा गया था, लेकिन जानकारी के मुताबिक, 9 मार्च को पाकिस्तानी सीमा में गिरी भारतीय मिसाइल को भी एचक्यू-9 डिटेक्ट या इंटरसेप्ट नहीं कर पाया था. 

घटनास्थल पर किसी को भी 48 घंटे तक नहीं जाने दिया गया

जिस तरह बालाकोट एयर स्ट्राइक ( 26 फरवरी 2019) के बाद पाकिस्तानी सेना ने जैश ए मोहम्मद के कैंप में जाने नहीं दिया था, ठीक वैसे ही मिसाइल गिरने के बाद पाकिस्तानी सेना ने मिया चन्नू में घटनास्थल पर किसी को भी 48 घंटे तक नहीं जाने दिया था. 

भारतीय मिसाइल से कुछ घरों और गोदाम को नुकसान पहुंचा

हालांकि, भारतीय मिसाइल से कुछ घरों और गोदाम को नुकसान जरूर पहुंचा था, लेकिन कोई जान का नुकसान नहीं हुआ था. 10 मार्च को खुद पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, आईएसपीआर यानी इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशन के डीजी, मेजर जनरल बब्बर इफ्तेकार ने पाकिस्तान वायुसेना के एयर वाइस मार्शल रैंक के एक अधिकारी के साथ मिलकर इस बावत प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और भारत पर लापरवाही का बड़ा आरोप लगाया था. 

तकनीकी गड़बड़ी के कारण फायर हो गई थी मिसाइल

बता दें कि 9 मार्च को भारत की एक मिसाइल नियमित रख-रखाव के दौरान तकनीकी गड़बड़ी के कारण फायर हो गई थी और पाकिस्तान के मिया चन्नू इलाके में जाकर गिर गई थी. ये जगह जैश ए मोहम्मद के मुखिया और ग्लोबल टेरेरिस्ट, मसूद अजहर के घर से करीब 160 किलोमीटर की दूरी पर है. भारत ने मिसाइल गिरने पर खेद जताया था और मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए हैं, ताकि ये पता लगाया जा सके कि किसकी गलती से ऐसा हुआ. 

भारत के खेद जताने के बावजूद पाकिस्तान ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब कर मामले की साझा जांच पर जोर दिया था. पाकिस्तान ने ये तक आरोप लगा दिया था कि भारत की ये मिसाइल कोई ‘रौग-ऐलीमेंट’ तो हैंडल नहीं कर रहे थे. 

थलसेना-वायुसेना-नौसेना के प्रमुखों ने पीएम मोदी से की मुलाकात

इस बीच, खबर है कि भारत की सेना के तीनों अंग यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुखों ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. ये मुलाकात कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी यानी सीसीएस के बाद हुई थी. माना जा रहा है कि बैठक में तीनों सर्विस चीफ ने पीएम मोदी को बॉर्डर से लेकर मेरीटाइम और एयर-डोमेन की सुरक्षा से जुड़ी ब्रीफिंग दी थी.  

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