बांग्लादेश की राजधानी ढाका में इस्कॉन के राधाकांत जीव मंदिर में तोड़फोड़ की घटना सामने आने के बाद भारतीय उच्चायोग बांग्लादेशी अधिकारियों के संपर्क में है. न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवालों से कहा कि इस घटना में इस्कॉन के तीन सदस्य घायल हुए हैं. इसके अलावा संपत्ति को भी कुछ नुकसान हुआ है.
बांग्लादेशी अधिकारियों के अनुसार, विवाद का कारण इस्कॉन मंदिर की जमीन पर लंबे समय से चल रहा विवाद है. भारतीय उच्चायोग बांग्लादेशी अधिकारियों के संपर्क में है. रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश के ढाका के वारी इलाके में एक इस्कॉन से जुड़े राधाकांत जीव मंदिर पर 17 मार्च को हमला किया गया था. हिंसा में लगभग 150-200 लोग शामिल थे.
बता दें कि बांग्लादेश में पिछले कुछ वर्षों में हिंदुओं और उनके मंदिर पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं. पिछले साल ही नवरात्रि के दौरान दुर्गा पूजा पंडालों पर हमले किए गए थे. इस दौरान कई मंदिरों पर भी हमले हुए थे. इस हिंसा में 2 हिंदुओं समेत 7 लोगों की मौत हुई थी. तब भी ढाका स्थित इस्कॉन मंदिर पर हमला हुआ था. बांग्लादेश की कुल आबादी 16.5 करोड़ है. इसमें हिंदू लोगों की संख्या करीब 9 प्रतिशत है. पिछले 3-4 साल में हिंदुओं पर हमले के मामले बढ़े हैं.
Three ISKCON members were injured. Some damage was also caused to the property. The cause of the dispute, according to the Bangladeshi authorities, is a longstanding dispute over the land on which the ISKCON temple exists: Sources
— ANI (@ANI) March 18, 2022
ISKCON India के उपाध्यक्ष क्या बोले
ढाका में इस्कॉन मंदिर में तोड़फोड़ की घटना पर इस्कॉन इंडिया (ISKCON India) के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. दास ने ट्विटर पर लिखा कि डोल यात्रा और होली समारोह की पूर्व संध्या पर यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है.
राधारमण दास ने लिखा कि हमें आश्चर्य है कि संयुक्त राष्ट्र हजारों असहाय बांग्लादेशी और पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों की पीड़ा के लिए मूक है. इतने सारे हिंदू अल्पसंख्यकों ने अपनी जान, संपत्ति खो दी है, लेकिन अफसोस है कि संयुक्त राष्ट्र चुप है.
ये भी पढ़ें- जी-23 नेताओं की बैठक के बाद सोनिया गांधी से मिले गुलाम नबी आजाद, बताया क्या हुई बात