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रूसी सेना ने मारियुपोल पर कब्जे का किया दावा, क्या हैं मारियुपोल के हालात?

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रूस और यूक्रेन के बीच 27वें दिन भी जंग जारी है. मारियुपोल में भीषण लड़ाई चल रही है. रूसी सैनिक यहां लगातार हमले कर रहे हैं. मारियुपोल पर भी कब्जे का दावा किया जा रहा है. स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. मारियुपोल में रूसी सेना शहर के अंदर तक घुस गई है. मारियुपोल पर लगातार बम बरसाए जा रहे हैं. लगातार हो रहे धमाकों से यूक्रेन के लोगों में डर और भय का माहौल बना हुआ है. चारों तरफ तबाही का आलम है. मारियुपोल में स्थित यूक्रेनी स्पेशल आपरेश्नल यूनिट अजोव के ठिकाने तबाह कर दिए गए हैं. रूसी सेना ने यहां हमले को अंजाम देने के लिए अपने सबसे घातक हथियार थर्मोबैरिक ‘फ्लेमेथ्रोवर’ रॉकेट टीओएस-1 बर्टिनो का इस्तेमाल किया था. जो 300 किमी तक के दायरे तक जाकर दुश्मनों के चीथड़े उड़ा सकता है. हमले में इस्तेमाल हथियार और हमले के तरीके से ऐसा लगता है मारियुपोल पर कब्जे के लिए रूस ने पूरी ताकत लगा दी है.

मारियुपोल में तबाही का आलम

मारियुपोल में एक बहुमंजिला इमारत पर गोले बरसाए गए हैं. बम और बंदूक की आवाजों से पूरे मारियुपोल में खौफ का माहौल पैदा हो गया है. लोग लगातार शहर छोड़कर भाग रहे हैं. हर तरफ बिल्डिंग और घर टूटे नजर आ रहे हैं, जो लोग किसी तरह अपनी जान बचा पाए हैं वो सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. यूक्रेन के मुताबिक रूस की सेना ने मारियुपोल की घेराबंदी कर रखी है. शहर में बिजली, पानी और गैस की आपूर्ति बंद हो गई है. रूस ने शहर के लिए मानवीय मदद का रास्ता भी रोक दिया है. अभी भी शहर में करीब तीन लाख लोग फंसे हुए हैं. रूसी सेना ने पहले ही मारियुपोल का संपर्क अजोव सागर से काट दिया है.

रूस का मारियुपोल पर कब्जे का दावा

यूक्रेन के गृह मंत्री के सलाहकार वादिम देनिसेंको ने कहा कि यूक्रेन और रूसी सेना के बीच मारियुपोल में अजोवस्टल स्टील प्लांट को लेकर भीषण संघर्ष हुआ था. रूस मारियुपोल पर कब्जा करने के लिए जी जान से लगा है. ऐसा कहा जा रहा है कि अगर रूस ने मारियुपोल फतह कर लिया तो उसके लिए यूक्रेन को हराना आसान हो जाएगा. अजोव सागर के तट पर बसा ये बंदरगाह शहर यूक्रेन के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम हैं. अगर रूस इस पर कब्जा कर लेता है तो वह रूस समर्थित अलगाववादी लड़ाकों के नियंत्रण वाले पूर्वी क्षेत्रों 
दोनेस्त्सक और लुहांस्क और रूस के नियंत्रण वाले क्रीमिया के बीच सड़क मार्ग स्थापित कर पाएगा. गौरतलब है कि रूस ने साल 2014 में क्रीमिया पर काफी आसानी से कब्जा कर लिया था लेकिन फिलहाल यूक्रेन की सेना रूसी सैनिकों की कार्रवाई का जवाब दे रही है.

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