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जोमैटो के 9370 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए निवेशकों ने लगाई 2.09 लाख करोड़ रुपये की बोली

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मुंबई: इंडियन फूड डिलीवरी स्टार्टअप Zomato अपनी प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) में 9375 करोड़ रुपये (1.3 बिलियन डॉलर) जुटाना चाहता था. जबकि निवेशकों ने 40 गुना ज्यादा 209,097 करोड़ रुपये (28 बिलियन डॉलर) की बोली लगाई.

बाजार के आंकड़ों के अनुसार, आईपीओ के संस्थागत हिस्से को लगभग 55 गुना अधिक अभिदान मिला, हाई नेट वर्थ वाले व्यक्तिगत हिस्से को लगभग 35 गुना अधिक अभिदान मिला, और खुदरा हिस्से को लगभग आठ गुना अधिक अभिदान मिला.

चीन की एंट ग्रुप-समर्थित फर्म ने विदेशी फंडों से निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी का फायदा उठाया, जिससे कंपनी का मूल्य लगभग 8 बिलियन डॉलर हो गया. कंपनी का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 14 जुलाई को खुला और 16 जुलाई को बंद हुआ.

आईपीओ से पहले, टाइगर ग्लोबल, ब्लैकरॉक, जेपी मॉर्गन चेज़ और मॉर्गन स्टेनली सहित 186 प्रमुख वित्तीय निवेशकों ने निवेशकों के बीच इंटरनेट आधारित उपभोक्ता कंपनियों की बढ़ती लोकप्रियता को भुनाने के लिए एंकर निवेशकों के रूप में कंपनी में 4190 करोड़ रुपये (562 मिलियन डॉलर) का निवेश किया.

IPO को निवेशकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली
भले ही Zomato ने अपने ऑफर डॉक्यूमेंट में कहा कि इसकी लागत और नुकसान में वृद्धि जारी रहेगी क्योंकि इसने व्यवसाय के विकास में निवेश बढ़ाया है लेकिन भारत के फूड डिलीवरी स्पेस में इस पहले IPO को निवेशकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली है.

Zomato ने 526 भारतीय शहरों में 350,000 रेस्तरां और कैफे के साथ गठजोड़ किया है. ग्राहक इन-पर्सन डाइनिंग के लिए टेबल भी आरक्षित कर सकते हैं, भोजन की समीक्षा लिख सकते हैं और तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं. यह सॉफ्टबैंक समर्थित स्विगी के साथ प्रतिस्पर्धा करता है.

अपने ऑफ़र दस्तावेज़ के अनुसार, Zomato ऐप के 41.5 मिलियन मासिक उपयोगकर्ता हैं, और इसके प्लेटफ़ॉर्म पर ऑर्डर 2017-2018 में 30.6 मिलियन से बढ़कर 2019-2020 में 403.1 मिलियन हो गए.

डिजिटल कंपनियां सार्वजनिक होने में ले रही दिलचस्पी 
Zomato आईपीओ तब आया है जब भारत के बाजार सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच रहे हैं, और डिजिटल कंपनियां सार्वजनिक होने में दिलचस्पी ले रही हैं.  चीन के एंट ग्रुप और जापान के सॉफ्टबैंक द्वारा समर्थित भारत का डिजिटल पेमेंट लीडर पेटीएम 16600 करोड़ रुपये (2.23 बिलियन डॉलर) तक जुटाने के लिए नियामक अनुमोदन की मांग कर रहा है. यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. देश में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ कोल इंडिया लिमिटेड का था. 2010 में कंपनी ने इसके जरिए 15,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटाई थी.

कई भारतीय स्टार्टअप ने विदेशी निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को भुनाने के लिए सार्वजनिक होने की योजना की घोषणा की है. आईपीओ की योजना बनाने वालों में वॉलमार्ट इंक के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट, ब्यूटी ब्रांड नायका और राइड-हेलिंग सर्विस ओला शामिल हैं.

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