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खर्चों पर कंट्रोल रखने में मनी मैनेजमेंट ऐप्स आपकी कैसे मदद करते हैं, जानें 

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भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा युवा आबादी है. ये युवा टेक्नोलॉजी के जमाने में पले-बढ़े हैं. ये अपने फाइनेंस मैनेजमेंट सहित लगभग हर जरूरत या कार्य को पूरा करने के लिए टेक्नोलॉजी की ओर रुख करते हैं. मिलेनियल्स के कई बैंक खातों होना आज कोई असामान्य घटना नहीं है. एक साथ कई कार्ड और डिजिटल वॉलेट के साथ खर्चे की ट्रैकिंग काफी कठिन हो जाती है.

मनी मैनेजमेंट ऐप ग्राहकों के लिए अपने खर्चों, बिलों और बजट को ट्रैक करने जैसे कार्यों को आसान बनाता है. इन ऐप्स का उपयोग करना बेहद आसान है क्योंकि ये पूरी तरह से ऑटोमेटेड होते हैं. मनी मैनेजमेंट ऐप अपने ग्राहकों को महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय लेने और पैसे का मैनेजमेंट करने में मदद कर रहे हैं. 

खर्च करने की आदतों पर नजर रखना
मनी मैनेजमेंट ऐप्स ग्राहकों को उनकी खर्च करने की आदतों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं. ग्राहकों को इस बात की स्पष्ट पिक्चर मिलती है कि वे हर महीने कितना खर्च कर रहे हैं और कितना कमा रहे हैं. ये ऐप ग्रोसरी, खरीदारी, मनोरंजन और यात्रा जैसी कैटेगरी में ट्रांजेक्शन को क्लासीफाई कर सकते हैं. यह सब ऑटोमेटिक रूप से होता है. इससे ग्राहकों को इस बात का पता चलता है कि वे किस चीज पर कितना खर्च कर रहे हैं. 
 
सही तरीके से बजट बनाने में मदद
चूंकि ये ऐप इनकम और खर्च की जानकरी देते हैं. ऐसे में ये ग्राहक को आसानी से बजट बनाने में मदद कर सकते हैं. ग्राहक अपने वित्तीय लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद के लिए मासिक बजट निर्धारित कर सकते हैं. अनावश्यक खर्च से बचने और बजट सीमा का पालन सुनिश्चित करने के लिए करेक्टिव निर्णय लिए जा सकते हैं. यह ग्राहक के मन में बचत का दृष्टिकोण पैदा करने में मदद करते है और वित्तीय अनुशासन के प्रोस्पेक्टिव को प्रोत्साहित करते हैं
 
समय पर बिलों का पमेंट
मनी मैनेजमेंट ऐप मंथली बिल ट्रैकिंग की सुविधा भी देते हैं. ये बिजली या क्रेडिट कार्ड बिल में देर के कारण लगने वाले चार्ज को रोकने के लिए ग्राहकों को बिल पेमेंट का नोटिफिकेशन देते हैं. युवा अक्सर क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, उन्हें देरी से भुगतान करने पर काफी चार्ज देना पड़ सकता है. ऐप का समय पर नोटिफिकेशन ग्राहकों को पेमेंट की याद दिलाने में काफी मदद करता है.
 
साझा खर्चों को ट्रैक करना
कार पूलिंग से लेकर किराए के बंटवारे तक भारतीययुवा एक क्लॉज कम्युनिटी में रहने के लाभ उठाते हैं. शहरों में छात्र और वर्किंग प्रोफेशनल किराया बचाने के लिए सहकर्मियों और दोस्तों के साथ फ्लैट शेयर करते हैं.ये खर्चों को शेयर करते हैं, जिन्हें मैन्युअल रूप से ट्रैक करना अक्सर मुश्किल होता है. दोस्तों, सहकर्मियों और रूममेट्स के बीच खर्चों को बांटने के लिए मनी मैनेजमेंट ऐप्स का उपयोग किया जा सकता है. इससे राशि का बंटवारा संबंधित लोगों के बीच एक सुव्यवस्थित तरीके से किया जा सकता है 

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