<p style="text-align: justify;"><strong>मुंबई</strong>: भारतीय शेयर बाजार का प्रमुख बीएसई सेंसेक्स पहली बार 60,000 के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया है. बीएसई-सेंसेक्स इंडेक्स को 50,000 से 60,000 प्वाइंट तक पहुंचने में मात्र 167 कारोबारी दिन लगे. सेंसेक्स में 10,000 प्वाइंट की बढ़ोतरी में ये अबतक की सबसे तेज स्पीड रही है. इससे पहले 10,000 प्वाइंट की उछाल आने में 931 कारोबारी सत्र लिए थे.</p>
<p style="text-align: justify;">सेंसेक्स को 1,000 प्वाइंट से ऐतिहासिक 60,000 के स्तर तक पहुंचने में 31 साल से थोड़ा अधिक समय लगा. सूचकांक 25 जुलाई 1990 को 1,000 प्वाइंट पर था और 4 मार्च 2015 को इसने 30,000 प्वाइंट के स्तर को छुआ. सेंसेक्स को 30,000 प्वाइंट का स्तर छूने में 25 साल लग गए. इसके बाद छह साल में सेंसेक्स 30,000 से बढ़कर 60,000 के स्तर पर पहुंच गया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>4 प्रमुख कंपनियों का सबसे ज्यादा योगदान</strong><br />शेयर बाजार में 50 हजार से 60 हजार प्वाइंट तक यात्रा का नेतृत्व विभिन्न कंपनियों द्वारा किया गया है. लेकिन चार कंपनियों का योगदान सबसे ज्यादा रहा है. सेंसेक्स के 50,000 प्वाइंट से 20 फीसदी की बढ़त में सबसे बड़ा योगदान इंफोसिस (30 फीसदी ऊपर), रिलायंस इंडस्ट्रीज (19 फीसदी ऊपर), आईसीआईसीआई बैंक (30 फीसदी ऊपर) और भारती एयरटेल (25 फीसदी ऊपर) का रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;">एक्सपर्ट्स का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में सूचकांक कंपनियों की इनकम 35 फीसदी से अधिक और अगले वित्त वर्ष में 20 फीसदी से अधिक की दर से बढ़ेगी. साथ ही, बढ़ता कोरोना टीकाकरण और कोरोना महामारी की तीसरी लहर का खतरा कम होने के बीच आर्थिक विकास में तेजी आने की उम्मीद है.</p>
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