<p style="text-align: justify;"><strong>ITR Filing Tips:</strong> आईटीआर फाइल करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. आपके द्वारा की गई कोई भी गलती आपके घर तक इनकम टैक्स विभाग का नोटिस भिजवा सकती है. सबसे जरूरी बात यह जान लें कि कुछ जानकारियां टैक्सपेयर्स को आईटीआर फाइल करते समय जरूर देनी चाहिए. अगर आप इन जानकारियों को नहीं देते हैं या गलती से इन्हें देने से आप चूक जाते हैं तो आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है. आइये जानते हैं ये जानकारियां कौन सी हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बैंक खातें</strong></p>
<ul style="text-align: justify;">
<li>सभी बैंक खातों की जानकारी जरूर दें.</li>
<li>उन खातों की भी जानकारी दें जिनमें आपकी संयुक्त होल्डिंग है.</li>
<li>बैंक का नाम, खाता संख्या और आईएफएससी कोड की जानकारी दें</li>
<li>कई बैंक खाते हैं तो उस अकाउंट के बारे में जरूर बताएं जिसमें रिफंड हासिल करना है.</li>
<li>बैंक अकाउंट जो पिछले तीन साल से एक्टिव नहीं है तो उसकी जानकारी देना जरूरी नहीं है.</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>अनलिस्टेड इक्विटी शेयरों</strong></p>
<ul style="text-align: justify;">
<li>अगर आपके पास किसी ऐसी कंपनी के शेयर हैं जो कि अभी मार्केट में लिस्टिड नहीं है तो ऐसे शेयर की जानकारी आपको देनी होगी. जिस कंपनी में होल्डिंग्स है, उसका नाम, पैन, वर्ष भर कुल शेयरों की खरीद-बिक्री की जानकारी आपको देनी होगी.</li>
<li>इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपने अगर किसी विदेशी अनलिस्टेड कंपनी के शेयर खरीदे हैं और फॉरेन एसेट्स शेड्यूल के तहत इसकी खुलासा भी किया गया है तो भी यह जानकारी अनलिस्टेड इक्विटी शेयरों के रूप में अलग से देनी होगा.</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>एसेट्स-लाइबिलिटीज</strong></p>
<ul style="text-align: justify;">
<li>किसी वित्त वर्ष में टैक्सेबल आय 50 लाख रुपये से अधिक है तो जमीन, बिल्डिंग्स, चल संपत्ति, बैंक खाते, शेयर और बॉन्डस इत्यादि की जानकारी देनी होगी.</li>
<li>इन एसेट्स पर किसी भी प्रकार की देनदारियों का खुलासा भी करना होता है.</li>
<li>शेड्यूल एसेट्स एंड लायबिलिटीज के तहत यह खुलासा करना होता है.</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>विदेशी संपत्तियां</strong></p>
<ul style="text-align: justify;">
<li>किसी विदेशी संपत्ति में एक दिन के लिए भी स्वामित्व या लाभार्थी के तौर पर हिस्सेदारी रही है तो इसकी जानकारी देनी है.</li>
<li>विदेशों में संपत्ति, किसी विदेशी कंपनी में होल्डिंग्स या विदेशी म्यूचुअल फंड में निवेश इत्यादि का खुलासा करना होता है.</li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>इस बात की भी देनी होगी जानकारी</strong></p>
<ul style="text-align: justify;">
<li>करदाता किसी कंपनी (भारतीय या विदेशी) में डायरेक्टर है तो यह बताना होगा.</li>
<li>डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर (डीआईएन), नाम, प्रकार और कंपनी के पैन की जानकारी देनी होगी.</li>
<li>यह भी बताना होगा कि कंपनी के शेयर किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हैं या नहीं.</li>
</ul>
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