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इंटरनेट पर पोर्नोग्राफी सर्फ करने वालों को पॉपअप भेज कर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन ठगों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो लोगों को इंटरनेट के माध्यम से पॉपअप नोटिफिकेशन भेज कर रकम ऐंठ रहे थे. ये ठग खुद को पुलिस अधिकारी बताकर इंटरनेट सर्च कर रहे लोगों को पॉपअप नोटिफिकेशन भेजते थे और ये दावा करते थे कि जो लोग पोर्नोग्राफी देख रहें हैं, वे 3 हजार रुपये का फाइन भरे नहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवारई की जाएगी. पुलिस का दावा है कि इस गिरोह का प्रमुख सदस्य कंबोडिया में बैठ कर ठगी के इस धंधे को चला रहा है.

क्या है मामला

दिल्ली पुलिस के साइबर सेल(सायपैड) के डीसीपी अनेश रॉय ने बताया कि कुछ लोगों ने साइबर सेल को जानकारी दी कि पोर्नोग्राफी वेबसाइट सर्फ करते समय एक पॉपअप मैसेज नोटिफिकेशन आया, जिसमें दावा किया जाता है कि पोर्नोग्राफी वेबसाइट सर्च करना गैर-कानूनी है. या तो 3 हजार रुपये फाइन भरो नहीं तो कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें. पॉपअप नोटिफिकेशन भेजने वाले ये दर्शाते हैं कि वे पुलिस विभाग से हैं.
 
पुलिस को ये भी मालूम हुआ कि ऐसे नोटिफिकेशन कई ऐसे लोगों को भी भेजे गए, जो पोर्नोग्राफी नहीं देख रहे थे. पुलिस ने सुओ-मोटो लेते हुए मामला दर्ज किया और जांच शुरू की. पुलिस को सुराग मिला कि ठगी का धंधा करने वाले तमिलनाडु से धंधा चला रहे हैं. 

एक हफ्ता, 2 हजार किलोमीटर की भागदौड़ के बाद पकड़ में आये 3 आरोपी

दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि जांच के दौरान जब ये बात सामने आई कि गिरोह के सदस्य तमिलनाडु से इस पूरे रैकेट को चला रहे हैं, तो साईपैड की एक टीम को तमिलनाडु भेजा गया. पुलिस टीम ने चेन्नई, त्रिची, कोयंबटूर आदि जगहों पर लगभग 1 हफ्ते तक छापेमारी करने के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपियों के नाम गाब्रिएल जेम्स, राम कुमार सेल्वम और बी धिनुषांत है.

कंबोडिया से चलाया जा रहा है पूरा रैकेट

पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि धिनुषांत का भाई चंद्रकांत उर्फ चंद्रु इस पूरे रैकेट का टेक्निकल ऑपरेशन संभालता है. कैसे पॉपअप जेनेरेट करना है, किसे भेजना है, यूपीआई लिंक किसे भेजना है, सब कुछ कंबोडिया से चला रहा है.

5 महीने में 30 लाख की ट्रांज़ैक्शन का पता चला

पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि फरवरी 2021 से लेकर जून 2021 तक के अंतराल में इस गिरोह ने लगभग 30 लाख रुपये लोगों से ठगे हैं. ये रकम इनके द्वारा संचालित किए जा रहे 20 अलग-अलग बैंक अकाउंट की ट्रांजैक्शन से सामने आई है. इसके अलावा ये भी बात भी सामने आई है कि ये गिरोह लोगों से यूपीआई आदि के माध्यम से रकम मंगा रहा था और फिर कंबोडिया में बैठा हुआ चंद्रु इस पूरी रकम को क्रिप्टोकरंसी में बदलकर इस पूरे पैसे को इधर से उधर कर रहा था.

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