राष्ट्रीय

कांग्रेस को छोड़ 7 विपक्षी दलों से राष्ट्रपति से मांगा समय | जानें क्या है पूरा मामला?

[ad_1]

नई दिल्ली: कांग्रेस को छोड़कर सात विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से समय मांगा है. इन दलों ने राष्ट्रपति से अपील की कि वे सरकार को पेगासस मामले और तीनों कृषि कानूनों पर सरकार को चर्चा कराने का निर्देश दें. जिन सात दलों ने राष्ट्रपति से समय मांगा है उसमें शिरोमणी अकाली दल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), जम्मू एंड कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी), कम्युनिस्ट पार्टी और इंडिया और राष्ट्रीय लोक दल शामिल है. इन दलों ने राष्ट्रपति से “भारत के संविधान और संसदीय नियमों और प्रक्रियाओं की गरिमा को बनाए रखने” के लिए हस्तक्षेप करने के लिए समय मांगा है.

गौरतलब है कि पेगासस जासूसी मामला, केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों सहित विभिन्न विषयों पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को लोकसभा की बैठक कल सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई. विपक्षी दलों ने लोकसभा में ‘खेला होबे’ का नारा लगाया. 

सदन की बैठक शुरू होते ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ और जाम्बिया के प्रथम राष्ट्रपति डॉ केनेथ डेविड कौंडा के निधन की जानकारी दी और उनके सम्मान में सदन ने कुछ पल का मौन रखा. इसके बाद अध्यक्ष बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया, लेकिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्य केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों समेत अन्य विषयों पर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गए.

ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि यदि सदस्य चर्चा करना चाहते हैं, अपनी बात रखना चाहते हैं या अपनी वेदना व्यक्त करना चाहते हैं तो उन्हें पर्याप्त समय और अवसर दिया जाएगा. अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आप अपने स्थानों पर जाएं और कार्यवाही चलने दें. मैं सरकार से बात करुंगा. अगर किसी की व्यक्तिगत पीड़ा है तो व्यक्तिगत रूप से मुझसे मिल सकते हैं. सदस्य सामूहिक रूप से मुझसे मिल सकते हैं. संसद चलनी चाहिए. जनता भी यही चाहती है. हमें उनकी परेशानियों को दूर करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश की जनता ने आपको नारेबाजी करने के लिए और तख्तियां लहराने के लिए नहीं भेजा.’’

इसके बाद अध्यक्ष ने विपक्ष की नारेबाजी के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया और कुछ सदस्यों को पूरक प्रश्न पूछने का अवसर दिया. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने पूरक प्रश्नों के उत्तर दिये. अधिक बारिश से फसलों को नुकसान होने संबंधी प्रश्नों का उत्तर देते हुए कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि आज की कार्यसूची में कृषि और किसानों से संबंधित 15 से अधिक प्रश्न हैं. उन्होंने नारेबाजी कर रहे विपक्ष के सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यदि वे किसानों के प्रति थोड़ी भी पीड़ा रखते हैं तो उन्हें शांति से अपने स्थान पर बैठकर प्रश्नों के माध्यम से अपनी बात रखनी चाहिए और सरकार की बात सुननी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के हंगामे से सदन की गरिमा प्रभावित हो रही है, जनता का भी नुकसान हो रहा है तथा किसानों के प्रति विपक्ष का चरित्र भी दिखाई दे रहा है.’’

अध्यक्ष बिरला ने विपक्षी सदस्यों से एक बार फिर कहा, ‘‘नारेबाजी में प्रतिस्पर्धा नहीं करें. जनता के लिए काम करने में स्पर्धा होनी चाहिए. आप नारेबाजी में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, यह जनता देख रही है.’’ विपक्षी सदस्यों का हंगामा नहीं थमने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 25 मिनट बाद पूर्वाह्न 11:45 बजे तक स्थगित कर दी.

बैठक पुन: शुरू होने पर पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि किसानों एवं दूसरे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रश्न पूछे जा रहे हैं और कृपया आप लोग भी इसमें हिस्सा लें. लेकिन विपक्षी सदस्यों का नारे लगाना जारी रहा और पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 50 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी. दोपहर 12 बजे सदन की बैठक फिर से आरंभ हुई तो विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और पीठासीन सभापति अग्रवाल ने कार्यवाही पांच मिनट बाद ही 12:30 बजे तक स्थगित कर दी. 

तीन बार के स्थगन के बाद बैठक दोपहर 12:30 बजे पुन: शुरू हुई तो संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई सांसदों ने कहा है कि शून्यकाल चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य भी जो विषय उठाना चाहते हैं उन्हें शून्यकाल में उठा सकते हैं, इसलिए शून्यकाल चलने देना चाहिए. पीठासीन सभापति अग्रवाल ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा कि कृपया शून्यकाल चलने दें. शून्यकाल में सदस्य अपने सभी विषय उठा सकते हैं और सरकार विभिन्न विषयों पर चर्चा करने के लिए तैयार है. हालांकि हंगामा नहीं थमा और उन्होंने बैठक को करीब पांच मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया.

सदन में गतरोध बने रहने पर दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर 2.30 बजे तक स्थगित कर दी गई. कार्यवाही फिर से आरंभ होने पर विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा जिस कारण पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने कार्यवाही दोपहर दो बजकर करीब 40 मिनट पर अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दी. तीन बजे कार्रवाई आरंभ होने पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही. इस पर महताब ने अपराह्न तीन बजकर करीब पांच मिनट पर कार्यवाही अपराह्न 3.30 बजे तक स्थगित कर दी.

[ad_2]
Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button