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कर्नाटक में CM के साथ तीन उप मुख्यमंत्री लेंगे शपथ, जानें- बोम्मई को चुने जाने के पीछे की कहानी

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बेंगलुरुः कर्नाटक को नया मुख्यमंत्री मिल गया है. कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई अब राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे. बीजेपी विधायक दल की बैठक के दौरान बीएस येदियुरप्पा ने बसवराज बोम्मई के नाम पर प्रस्ताव रखा जिसका समर्थन सबसे पहले गोविंद करजोल ने किया और फिर सभी विधायकों ने इसका समर्थन स्वीकार किया बसवराज बोम्मई कल सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

मुख्यमंत्री बोम्मई के साथ-साथ कर्नाटक में तीन उप मुख्यमंत्री भी बनाए जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक जो नेता उप मुख्यमंत्री बनाये जाएंगे उनमें हैं आर अशोक. वोक्कालिंगा समुदाय से आते हैं. गोविंद करजोल. एससी समुदाय से हैं और येदियुरप्पा की सरकार में भी उपमुख्यमंत्री थे और श्रीरामालु एसटी समुदाय से हैं. ऐसा करके बीजेपी राज्य के जातीय गणित को साध लेना चाहती हैं.

कर्नाटक बीजेपी नेता और कर्नाटक के प्रभारी अरुण सिंह ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि यह फैसला सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से लिया है. उन्होने गृह मंत्री के तौर पर भी अच्छा कार्य किया है और उम्मीद है कि अच्छे मुख्यमंत्री भी साबित होगे. एक दिन पहले येदियुरप्पा ने अपने पद से इस्तीफ़े का एलान किया था. मुख्यमंत्री बोम्मई राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता एस आर बोम्मई भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. 

अब सवाल यह उठता है कि बसवाराज बोम्मई को क्यों नियुक्त किया गया? यहां आपको बतादे कि बोम्मई लिंगायत चेहरा है और बीजेपी से तीन बार विधायक रहे हैं. लिंगायत समुदाय बीजेपी के ट्रेडिशनल वोटर्स रहे हैं और राज्य में करीब 19% है. खुद येदियुरप्पा के लिंगायत है. ऐसे में बीजेपी के सामने लिंगायत को चुनने की चुनौती थी. इसके अलावा बोम्मई की छवि साफ है साथ ही येदियुरप्पा के करीबी और चहेते भी है.

इस वक्त बीजेपी येदियुरप्पा को नाराज करने का रिस्क नहीं उठा सकती यहीं कारण है कि येदियुरप्पा के कहे गए नाम पर मोहर लगानी पड़ी. इसे येदियुरप्पा का मास्टरस्ट्रोक कह सकते हैं. बोम्मई पहले जेडीएस में थे. दो बार एमएलसी रहे. 2008 में उन्होंने बीजेपी का दामन थामा और तब से तीन बार विधायक रहें. उनके पिता एस आर बोम्मई भी पहले मुख्यमंत्री रहे हैं और एचडी देवगौड़ा सरकार में केंद्रीय मंत्री थे.

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