मध्यप्रदेश सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर धड़ाधड़ ढेर सारे ऐलान किए. पार्टी का दावा है कि यह सब उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए, लेकिन ऐसी श्रद्धांजलि की तस्वीरें भी बाहर आईं जिससे विपक्ष सरकार के अटल प्रेम पर उंगली उठा रहा है.
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में व्यापम चौराहे के पास शौचालय के बाहर अटलजी की तस्वीर लगी है. 1250 चौराहे पर भी पोस्टर के ज़रिए अटल जी को श्रद्धांजलि दी गई है. नूतन कॉलेज चौराहे पर भी अटल बिहारी वाजपेयी का पोस्टर शौचालय के ही बाहर लगा है.कांग्रेस को लगता है कि बीजेपी अटलजी का नाम शर्मनाक तरीके से सिर्फ चुनावों के लिए भुना रही है. कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा “मोदी और अमित शाह की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है, शिवराज सिंह की भी.. आज ये अटलजी का नाम सिर्फ चुनावों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. खुद के दफ्तर में एक फोटो नहीं लगाया, सार्वजनिक शौचालयों में तस्वीर लगाना दिखाता है कि उनकी सोच कितनी छोटी और गिरी हुई है. कैसे राजनीति करते हैं, संवेदनशीलता नाम की चीज नहीं है.बीजेपी कहती है, मान्यताओं के मुताबिक तेरहवीं से पहले तस्वीर नहीं लगाते. लेकिन वह शौचालय के बाहर की तस्वीरों पर अपने तर्क देते है. मध्यप्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा “अटलजी राजनीति की सीमाओं से परे हैं. दूसरे राजनीतिक दल भी ये मानते हैं. अगर आप लोगों तो परम्पराओं की इतनी चिंता है तो बता दूं कम से कम तेरहवीं के बाद ही उचित स्थान दिया जाता है.”मध्यप्रदेश सरकार अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर पत्रकारिता, कविता और सुशासन के क्षेत्र में तीन पुरस्कार देने, हबीबगंज स्टेशन का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने, भोपाल और ग्वालियर में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर स्मृति वन बनाने, सातों स्मार्ट सिटी में बनने वाली लाइब्रेरी का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने, भोपाल में बन रहे ग्लोबल स्किल पार्क का नाम अटल विहारी वाजपेयी के नाम पर रखने जैसे कई ऐलान कर चुकी है. इसके बावजूद जनता मानती है कि ऐसे पोस्टर पूरी मंशा, सोच पर सवाल उठाते हैं.