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India China Military Exercise: पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी के गोगरा इलाके में दूसरे चरण के डिसइंगेजमेंट के बाद अब भारत और चीन की सेनाएं अगले महीने रूस में होने वाली एससीओ मल्टीनेशन मिलिट्री एक्सरसाइज में हिस्सा लेने जा रही हैं. पिछले 15 महीने से भारत और चीन के बीच चल रहे टकराव के बीच ये पहली बार होगा कि दोनों देशों की सेनाएं साझा युद्धाभ्यास करेंगी.
जानकारी के मुताबिक, शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाईजेशन (एससीओ) के सदस्य देशों का साझा युद्धाभ्यास रूस के ओरेनबर्ग में 11-25 सितंबर के बीच होने जा रही है. भारतीय सेना भी इस साल युद्धाभ्यास में हिस्सा लेगी. क्योंकि चीन और पाकिस्तान भी एससीओ संगठन के सदस्य हैं इसलिए उनकी सेनाएं भी युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगी. एससीओ संगठन में भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान सहित कुल आठ देश हैं.
पिछले साल एससीओ एक्सरसाइज में भारत ने हिस्सा लेने से इंकार कर दिया था. हालांकि, भारत ने कोरोना महामारी का कारण बताकर इस युद्धाभ्यास में हिस्सा नहीं लिया था, लेकिन माना गया था कि पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर चीन से चल रहे टकराव के चलते भारत ने हिस्सा नहीं लिया था. एलएसी पर चल रहे टकराव के चलते ही भारत और चीन के साथ सालाना एक्सरसाइज, ‘हैंड इन हैंड’ भी नहीं की थी. हालांकि, अभी तक इस बात पर फैसला नहीं हुआ है कि इस साल चीन के साथ ये द्विपक्षीय एक्सरसाइज होगी या नहीं.
आपको बता दें कि इसी हफ्ते भारत और चीन एलएसी के दूसरे चरण के डिसइंगेजमेंट के लिए भी तैयार हो गए हैं. पूर्वी लद्दाख के विवादित गोगरा इलाके की ‘पैट्रोलिंग पॉइंट17ए’ से दोनों देशों की सेनाओं ने अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है. इससे पहले इसी साल फरवरी के महीने में पैंगोंग-त्सो इलाके के उत्तर और दक्षिण से भी दोनों देशों ने सेनाओं को पीछे हटा लिया था.
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