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दिल्ली: जंतर मंतर पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में FIR दर्ज

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नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में कुछ लोग एक धर्म विशेष को लेकर आपत्तिजनक बातें कर रहे हैं, अपशब्द बोल रहे हैं और भड़काऊ भाषण भी दे रहे हैं. वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों को खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. वायरल वीडियो कनॉट प्लेस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली जंतर मंतर रोड पर 8 अगस्त को आयोजित एक कार्यक्रम का बताया जा रहा है.

कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण नहीं दिए गए- अश्वनी उपाध्याय

दावा है कि 8 अगस्त को आयोजित एक कार्यक्रम में अज्ञात लोगों ने धर्म विशेष के खिलाफ नारेबाजी की. सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्वनी उपाध्याय ने जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था, जो भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में था. अश्वनी उपाध्याय ने इस वीडियो के संबंध में कहा है कि उनके कार्यक्रम में इस तरीके के कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिए गए हैं. वह खुद दिल्ली पुलिस से इस विषय में शिकायत कर रहे हैं और जो लोग भी इस मामले में शामिल है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

अश्वनी उपाध्याय ने कहा, ‘’15 अगस्त की तरह 8 अगस्त भी एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया था. इस ऐतिहासिक दिवस की वर्षगांठ मनाने के लिए ही 8 अगस्त को जंतर-मंतर पर एक बहुत ही छोटा कार्यक्रम आयोजित किया गया था. यह कोई राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक कार्यक्रम नहीं बल्कि 15 अगस्त की तरह ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन को याद करने के लिए आयोजित किया गया था.’’

मैं 11 बजे पहुंचा और 12 बजे कार्यक्रम खत्म हो गया- अश्वनी उपाध्याय

उन्होंने आगे कहा, ‘’इस कार्यक्रम में सरकार से मांग की गई कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ (15 अगस्त 2022) से पहले सभी अंग्रेजी कानून खत्म कर नया कानून बनाया जाए. मैं सुबह 11 बजे मंच पर पहुंचा था और भीड़ बढ़ने के कारण 12 बजे कार्यक्रम समाप्त हो गया और मैं तुरंत वहां से चला गया. मैंने 1860 में बने इंडियन पीनल कोड, 1861 में बने पुलिस ऐक्ट, 1863 में बने रिलिजियस एंडोमेंट ऐक्ट और 1872 में बने एविडेंस एक्ट सहित सभी 222 अंग्रेजी कानूनों को खत्म करने और भारत में समान शिक्षा, समान चिकित्सा, समान कर संहिता, समान दंड संहिता, समान श्रम संहिता, समान पुलिस संहिता, समान न्यायिक संहिता, समान नागरिक संहिता, समान धर्मस्थल संहिता और समान जनसंख्या संहिता लागू करने की मांग की थी.’’

अश्वनी ने आगे बताया, ‘’मैंने अपने भाषण में भी कहा था कि जब तक घटिया और बेकार अंग्रेजी कानून खत्म नहीं होंगे, तब तक जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद अलगाववाद, कट्टरवाद, मजहबी उन्माद, माओवाद, नक्सलवाद, तुष्टीकरण और राजनीति का अपराधीकरण कम नहीं होगा. कार्यक्रम में कुल 50 लोगों को आमंत्रित किया गया था, जैसे महाभारत में युधिष्ठिर का किरदार निभाने वाले गजेंद्र चौहान मंच पर उपस्थित थे.’’

वीडियो में दिख रहे लोगों को नहीं जानता- अश्वनी उपाध्याय

अश्वनी उपाध्याय ने कहा, ‘’मैं खुद दिल्ली पुलिस से मांग करता हूं कि इस वायरल वीडियो की जांच करें. उसकी सत्यता और प्रमाणिकता को जानें. मेरे सामने ऐसा कोई भाषण नहीं हुआ न नारेबाजी हुई. मेरे जाने के बाद कुछ हुआ हो तो मैं नहीं जानता. कुछ लोग मुझे बदनाम करने के लिए मेरा नाम लेकर यह वीडियो ट्विटर फेसबुक और वाट्सएप्प पर शेयर कर रहे हैं, जबकि वीडियो में दिख रहे लोगों को न तो मैं जानता हूं, न तो इनमें से किसी से मिला हूं और न ही इन्हें बुलाया गया था. कानून बहुत ही घटिया और कमजोर है, इसीलिए प्रसिद्धि पाने के लिए भी कई बार लोग उन्मादी वीडियो जारी करते हैं. कानून बहुत कमजोर है, इसीलिए 15 मिनट में हिंदुस्तान से हिंदुओं को खत्म करने की बात करने वाला व्यक्ति जेल में नहीं बल्कि विधान सभा में बैठा है.’’

बता दें कि ये वीडियो किस समय बनाया गया, यह फिलहाल सुनिश्चित नहीं है. वीडियो को किसने बनाया ये भी अभी जांच का विषय है. पुलिस ने इस मामले में कनॉट प्लेस थाना के में आईपीसी की धारा 153a, 188 और 51 डीडीएमए एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.’’

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