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कर्नाटक में पार्टी से नाराज पर्यटन मंत्री आनंद सिंह ने इस्तीफे का संकेत दिया

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होस्पेट: विभाग आबंटन पर नाराज कर्नाटक के मंत्री आनंद सिह ने बुधवार को संकेत दिया कि वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. आनंद सिंह ने एक सप्ताह पहले ही पर्यटन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण मंत्री का पदभार संभाला था. मंत्री के करीबी सूत्रों ने बताया कि वह ऊर्जा विभाग और वन विभाग पाने को इच्छुक थे क्योंकि बी एस येदियुरप्पा सरकार के दौरान उनके पास वन विभाग था.

सूत्रों ने कहा, ”उनकी इच्छा के विरूद्ध उन्हें पर्यटन, पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विभाग दिया गया.” आनंद सिंह ने अपनी नाराजगी प्रकट की है और उन्होंने यहां अपना विधायक कार्यालय भी बंद कर दिया है.

आनंद सिंह ने कहा, ”मेरा राजनीतिक करियर वेणु गोपालकृष्ण मंदिर से प्रारंभ हुआ था. मैं आपसे कहना चाहूंगा कि मुझे नहीं पता कि मेरा राजनीतिक जीवन भी शायद यहीं समाप्त हो जाए. यदि मुझे गोपालकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त रहेगा तो नयी शुरुआत भी हो सकती है.”

वह मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. इस मंदिर का निर्माण 60 साल पहले उनके दादा शंकर सिंह ने कराया था. आनंद सिंह ने कहा, ”लेकिन, यदि भगवान कहते हैं कि तुम्हारा राजनीतिक जीवन यहीं खत्म हो, तो मैं कृष्णा से आशीर्वाद मांगूगा और अपने जीवन में नयी पारी शुरू करूंगा.”

उन्होंने कहा, ”मैंने कभी इस तरह बर्ताव नहीं किया कि पार्टी एवं हमारे नेता असहज हो जाएं. यदि मैंने ऐसा बर्ताव किया हो, तो मुझे माफ कीजिए. मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैं राज्य का कोई बड़ा नेता नहीं हूं.”

उन्होंने कहा, ”मैंने कल ही अहसास किया कि मेरी यह गलत धारणा थी कि राज्य में मुझे बचाने के लिए कई नेता हैं. मुझे पूरा विश्वास था कि मुझे बचाने के लिए कई ऐसे बड़े दिग्गज नेता एवं मित्र तैयार होंगे लेकिन यह मेरा अतिविश्वास साबित हुआ. यह कोई भ्रम था. मुझे अपने नेताओं पर विश्वास है लेकिन मुझे संदेह है कि उन्हें भी मुझपर विश्वास है या नहीं.”

भावी कदम के बारे में पूछे जाने पर आनंद सिंह ने कहा, ”मैं किसी भी चीज पर प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता. मुझे जो भी कहना था, मैंने राजनीतिक ढंग से मुख्यमंत्री को कह दिया जब मैं उनसे आठ अगस्त को मिला था. मैं अब भी उस बात पर कायम हूं और रहूंगा. मेरा रूख मेरा है. मैं इसे सार्वजनिक नहीं करूंगा. उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है या नहीं– यह उन्हीं पर रहने दीजिए.”

पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के प्रति आभार एवं सम्मान प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने उनसे जो कुछ जैसे हास्पेट तालुका, बेल्लारी जिले से विजयनगर को अलग करना, सिंचाई परियोजनाएं और पसंद का विभाग, मांगा, उन्होंने वह दिया.

इससे पहले मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने पत्रकारों से कहा था, ”मैं और आनंद सिंह तीन दशक से दोस्त हैं. हम लगातार एक-दूसरे के सम्पर्क में हैं. कल भी मैंने उनसे बात की थी. आज भी मैं उनसे बात करूंगा. मुझे उनके विचारों के बारे में पता है और मैंने अपने विचार भी उन्हें बता दिए हैं. उनके मेरे पास आकर मुझसे बातचीत करने के बाद सब ठीक हो जाएगा.”

आनंद सिंह के इस्तीफा सौंपने की खबरों का खंडन करते हुए बोम्मई ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि वह उन्हें मना लेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री ने उनसे ‘भावुकता से’ अपने दिल की बात कही और उन्होंने उनसे शांत दिमाग से काम करने को कहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि नाराज मंत्री द्वारा रखी गयी मांगों के हल के लिए उन्हें अपने वरिष्ठों से बात करनी होगी.

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