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अफगानिस्तान की सत्ता में कट्टरपंथी संगठन तालिबान की वापसी और उसके बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के एक सदस्य की तरफ से तारीफ करने के चलते भारी विवाद पैदा हो गया है. इसके बाद एआईएमपीएलबी को खुद पूरे मामले में सामने आकर सफाई देनी पड़ी है. भारतीय मुसलमानों के बड़े संगठन ने इसका पूरा ठीकरा मीडिया पर ही फोड़ा है.
एआईएमपीएलबी ने ट्विटर पर बयान जारी करते हुए कहा- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तालिबान और अफ़ग़ानिस्तान की राजनीतिक स्थिति पर कोई टिप्पणी नहीं की है. कुछ मीडिया चैनल बोर्ड के कुछ सदस्यों की निजी राय को बोर्ड का स्टैंड मानकर ग़लत बात पर बोर्ड को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं. यह बात पत्रकारिता मूल्यों के विपरीत है. एआईएमपीएलबी ने आगे कहा कि मीडिया चैनलों को इस तरह के कृत्यों से बचते हुए बोर्ड से तालिबान की ख़बरों को नहीं जोड़ना चाहिए.
All India Muslim Personal Law Board has neither expressed any view nor given any statement on Taliban and recent political situation of Afghanistan. (1/3)
— All India Muslim Personal Law Board (@AIMPLB_Official) August 18, 2021
क्यों पैदा हुआ विवाद?
भारतीय मुसलमानों के बड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खलीलुर रहमान सज्जाद नोमानी ने तालिबान को जीत की मुबारकबाद दी है. इतना ही नहीं नोमानी ने तालिबान को सलाम भी किया है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खलीलुर रहमान सज्जाद नोमानी ने तालिबान को लेकर कहा कि हिंदी मुसलमान आपको सैल्यूट करता है. नोमानी ने तालिबान के पक्ष में बयान जारी किया है.
इससे पहले यूपी के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क तालिबान की तुलना स्वतंत्रता सेनानियों से कर चुके हैं. बर्क के इस बयान पर अब यूपी पुलिस ने उनके ख़िलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया है.
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