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नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार विवादित विचार को लेकर घेरे में

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पंजाब कांग्रेस में एक विवाद ठंडा नहीं पड़ता कि दूसरा शुरू हो जाता है. प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह सोशल मीडिया पर कश्मीर को लेकर भारत विरोधी पोस्ट और इंदिरा गांधी की आपत्तिजनक तस्वीर साझा करने को लेकर निशाने पर आ गए हैं.

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के सलाहकारों को फटकार लगाई तो मनीष तिवारी ने पार्टी से बाहर करने की मांग उठा दी. सिद्धू पार्टी के अंदर तो घिरे ही हैं, विरोधियों को भी निशाना साधने का मौका मिल गया है. हैरानी की बात यह है कि सिद्धू इतने गंभीर विवाद पर सिद्धू चुप्पी साधे हुए हैं.

नवजोत सिंह सिद्धू ने चार सलाहकार नियुक्त किए

कुछ दिनों पहले ही पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चार सलाहकार नियुक्त किए.  इनके नाम हैं लोकसभा सांसद अमर सिंह, पूर्व डीजी मोहम्मद मुस्तफा, मालविंदर सिंह माली, प्यारे लाल गर्ग. इनके अलावा सिद्धू ने दो मीडिया सलाहकार भी नियुक्त किए हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह की आलोचना करने वाले मालविंदर सिंह नियुक्ति के 12 दिनों में ही कश्मीर जैसे गंभीर और संवेदनशील विषय को लेकर सोशल मीडिया पर खुलकर अपने विचारों को रखने के कारण विवादों में आ गए हैं और उनके कारण  सिद्धू की किरकिरी हो रही है.

भारत के अभिन्न अंग कश्मीर को लेकर 13 अगस्त के फेसबुक पर मालविंदर सिंह ने कहा कि कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान का कब्जा है. विवाद के बावजूद उन्होंने ना तो सफाई दी ना ही उनपर कोई कार्रवाई हुई. इसके बाद विवाद उठा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर मालविंदर सिंह द्वारा अपलोड किए गए तस्वीर से. फेसबुक पर माली के पेज पर लगी कवर फोटो में इंदिरा गांधी बंदूक पकड़ी हुई और कंकालों के ढेर पर बैठी हुई दिखाई गई हैं.

कैप्टन इधर उधर की बात कर रहे हैं- माली

काफी समय से सिद्धू के हमले झेल रहे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को मौका मिला और रविवार शाम उन्होंने बयान जारी कर सिद्धू के सलाहकारों माली और गर्ग को फटकार लगाई और नसीहत दी कि ऐसे राष्ट्र विरोधी बयान ना दें जिससे देश की शांति बिगड़े. कैप्टन की नसीहत पर अमल करने की बजाय माली ने पलटवार किया और कहा कि कैप्टन इधर उधर की बात कर रहे हैं. देश का संविधान ही कश्मीर को लेकर अलग विचार रखने का हक देता है. पंजाब का हर वर्ग आंदोलन कर रहा है, क्या ये सब पाकिस्तान के इशारे पर हो रहा है. माली ने कैप्टन की करीबी पाकिस्तान की अरुसा आलम का नाम लेकर भी कैप्टन पर निशाना साधा.

अगले दिन सुबह सांसद मनीष तिवारी ने सिद्धू के सलाहकारों को पाकिस्तान परस्त ठहरा दिया और उनके बयान को देश के लिए बलिदान देने वालों का अपमान बताते हुए प्रभारी हरीश रावत से सवाल पूछे कि क्या ऐसे लोगों को पार्टी में रहने का हक है? बाद में मनीष तिवारी ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों को पार्टी क्या देश में रहने का हक भी नहीं है. पंजाब कांग्रेस के विधायक राजकुमार वेरका ने माली की सोच को तालिबानी बताते हुए कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू की सोच ऐसी नहीं है.

विवाद बढ़ता देख सिद्धू ने अपने सलाहकारों माली और गर्ग को अपने घर पर तलब किया. लेकिन सिद्धू से मिलने के बाद भी माली अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हैं. जाहिर है माली पर कार्रवाई करने को लेकर सिद्धू पर दबाव बढ़ता जा रहा है लेकिन वे अब तक चुप्पी साधे हुए हैं.

विवाद को लेकर हरीश रावत सिद्धू से करेंगे बात

दूसरी तरफ पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत के नजदीकी सूत्रों का कहना है इस विवाद को लेकर वो सिद्धू से बात करेंगे. उत्तराखंड चुनाव में लगे रावत ने देहरादून में कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है. किसी को भी इस पर शंका करने का कोई हक नहीं है, बयान देना तो छोड़ दीजिए. हालांकि रावत के बयान से भी इस विवाद के कारण पंजाब में कांग्रेस को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती जहां अगले की शुरुआत में चुनाव होने हैं.

सलाहकारों के बयान के कारण सिद्धू पर अकाली दल, आम आदमी पार्टी, बीजेपी भी हमले कर रही है. अकाली दल ने कहा कि सलाहकार सिद्धू की भाषा ही बोल रहे हैं. इससे पहले भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण में जाने और तब के पाक सेनाध्यक्ष को गले लगाने के कारण सिद्धू को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था.

प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद भी कैप्टन के खिलाफ हमलावर रहने वाले सिद्धू इस समय बैकफुट पर हैं. सिद्धू के पास अपने सलाहकार मालविंदर सिंह के बयानों से पल्ला झाड़ने और उनपर कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. ये जितनी जल्दी हो उतना ही सिद्धू और पंजाब कांग्रेस के लिए बेहतर होगा. वैसे भी अंदरूनी गुटबाजी और ताजा विवाद ने कांग्रेस का काफी नुकसान कर दिया है.

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