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नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को कहा कि भारत सभी देशों के लाभ के लिये मुक्त समुद्र बनाये रखने के वास्ते अफ्रीका के साथ काम करेगा। उन्होंने जोर दिया कि दोनों पक्षों को यह सुनिश्चित करने के लिये मिलकर काम करना चाहिए कि अफ्रीका महादेश फिर से प्रतिद्वन्द्वी महत्वाकांक्षाओं का मंच नहीं बने।
सुषमा स्वराज ने कहा कि दोनों पक्षों को ‘न्यायोचित, प्रतिनिधित्वपूर्ण और लोकतांत्रिक’ विश्व व्यवस्था के लिये मिलकर काम करना चाहिए जहां अफ्रीका और भारत में दुनिया की करीब एक तिहाई आबादी को आवाज मिल सके।
उन्होंने कहा कि वैश्विक संस्थाओं में सुधार के लिये भारत के प्रयास अफ्रीका को समान स्थान प्राप्त हुए बिना अपूर्ण होंगे। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हम सभी देशों के लाभ के लिये मुक्त समुद्र बनाये रखने के वास्ते अफ्रीका के साथ काम करेंगे।
हिन्द महासागर की सुरक्षा के संदर्भ में भारत की दृष्टि सहयोगात्मक और समावेशी है जो क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और विकास में निहित है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम सभी को यह सनिश्चित करने के लिये मिलकर काम करना चाहिए कि अफ्रीका फिर से प्रतिद्वन्द्वी महत्वाकांक्षाओं का मंच नहीं बने, बल्कि अफ्रीका के युवाओं की आशा, आकांक्षाओं का नर्सरी बन सके।’’ उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्री ने यह बात ऐसे समय में कही है जब हिन्द महसागर और अफ्रीका महादेश में चीन की मौजूदगी में वृद्धि देखी जा रही है।
सुषमा स्वराज विदेश मंत्रालय ओर टेलीकम्यूनिकेशन कंसल्टेंट इंडिया (टीसीआईएल) के बीच ई.. वीबीएबी नेटवर्क परियोजना के लिये समझौता पर हस्ताक्षर के अवसर पर बोल रही थी।