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मुंबईः क्या भविष्य में शिवसेना और बीजेपी फिर एक बार साथ आ सकते हैं? यह सवाल इसलिए उठ खड़ा हुआ है क्योंकि शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद में रेल राज्य मंत्री राव साहब दानवे को भावी साथी कहा. दो दिनो पहले महाराष्ट्र बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील भी ऐसे ही कुछ संकेत दे चुके हैं. ऐसे में सवाल यह है कि क्या पुराने साथियों के बीच वाकई में कोई खिचड़ी पक रही है?
मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने औरंगाबाद पहुंचे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के एक बयान ने फिर इस बात की अटकलों को हवा दे दी है कि क्या शिवसेना बीजेपी गठबंधन फिर हो सकता है.
औरंगाबाद के कार्यक्रम में सीएम के इस बयान के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी है. पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र में बीजेपी के सबसे बड़े नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी एक सक्षम विपक्ष का काम कर रही है वैसे भी जो गठबंधन महाराष्ट्र में हुआ है वह और अनैसर्गिक है. ऐसे गठबंधन ज्यादा दिनों तक नहीं चलते और शायद मुख्यमंत्री को यह बात ध्यान में आ गई होगी इसलिए उन्होंने अपने मन की बात कही हो.
CM उद्धव के बयान के दो दिनों पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल भी एक कार्यक्रम के दौरान कह चुके हैं कि उन्हें पूर्व मंत्री न बोला जाए. दोनों पार्टियों के प्रमुख नेताओं के और से आ रहे बयानों ने महाराष्ट्र की राजनीति को गरमा दिया है. BJP शिवसेना के साथ आने की अटकलों के बीच राज्य मंत्री अब्दुल सत्तार ने कहा कि अगर दोनों दल साथ आते है तो केंद्र और राज्य के बीच अच्छा तालमेल होगा.
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर दोनों पार्टी साथ आती है तो महाराष्ट्र का CM पद किसके पास रहेगा. क्योंकि दोनों पार्टियों की राह अलग ही CM पद की वजह से हुई थी. क्या शिव सेना CM पद छोड़ेगी? ये बड़ा सवाल है क्योंकि BJP विधान सभा मे 105 विधायको के साथ सबसे बड़ी पार्टी है.
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