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Punjab CM Channi Gave Shoulder to the Dead Body of Martyr Soldier: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह ने पुंछ में शहीद हुए जवान गज्जन सिंह को अंतिम विदाई दी. दोनों ने ही शहीद जवान के गांव पहुंचकर शव को कंधा भी दिया. बता दें कि जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में सोमवार को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुझभेड़ में एक ‘जूनियर कमीशंड अधिकारी’ (JCO) समेत 5 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे, जिनमें से 3 शहीद जवान को पंजाब के अपने गांवों में अंतिम विदाई दी गई.
शहीद सैनिकों को पंजाब में नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई. पंजाब के मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की. जसविंदर के अंतिम संस्कार में सैकड़ों ग्रामीणों के अलावा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की प्रमुख बीबी जागीर कौर, कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा और जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए. पंजाब के कपूरथला जिले के एक गांव में विक्रमजीत सिंह ने बुधवार को नम आंखों से अपने पिता नायब सूबेदार जसविंदर सिंह को मुखाग्नि दी. उनके पिता जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ हुई भीषण मुठभेड़ में शहीद हुए पांच जवानों में शामिल थे.
Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi along with Speaker Punjab Assembly Rana K.P. Singh shoulders the mortal remains of Sepoy Gajjan Singh, who lost his life in Poonch (J&K) during an anti-terrorist operation, at village Pachrande, District Rupnagar pic.twitter.com/z6daH7lhA6
— ANI (@ANI) October 13, 2021
गुरदासपुर और रूपनगर जिलों में नायक मनदीप सिंह और सिपाही गज्जन सिंह के परिवार भी दुखी थे. पंजाब के जवान सोमवार को हुए ऑपरेशन में शहीद हुए थे. तीनों सैनिकों के पार्थिव शरीर जब सैन्य वाहन में उनके गांव लाये गए तो लोगों ने ‘शहीद अमर रहे’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाये और युवाओं ने पुष्पवर्षा की. इस दौरान लोगों ने पाकिस्तान विरोधी नारे भी लगाये गए.
कपूरथला के माणा तलवंडी गांव में जसविंदर को अंतिम सलामी.
कपूरथला के माणा तलवंडी गांव में जसविंदर के बेटे विक्रमजीत और बेटी हरनूर कौर ने अपने पिता के पार्थिव शरीर को सलामी दी. विक्रमजीत ने नम आंखों से अपने पिता को मुखाग्नि दी और सेना में भर्ती होने का संकल्प लिया. जसविंदर अपने पिता और भाई के बाद सेना में शामिल होने वाले अपने परिवार के तीसरे सदस्य थे. सेना पदक से 2006 में सम्मानित जसविंदर के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं.
रूपनगर के पचरंदा गांव में सिपाही गज्जन सिंह को दी गई अंतिम विदाई
ऐसा ही गमगीन दृश्य रूपनगर के पचरंदा गांव में सिपाही गज्जन सिंह के आवास दिखा. मुख्यमंत्री चन्नी ने गज्जन की अर्थी को कंधा दिया. बता दें कि चार भाइयों में सबसे छोटे 27 वर्षीय गज्जन की फरवरी में शादी हुई थी. उनके परिवार में पत्नी हरप्रीत कौर के अलावा उनके माता-पिता हैं. वह आखिरी बार दो महीने पहले अपने एक भाई की शादी में शामिल होने के लिए घर आये थे. गज्जन के पिता चन्नन सिंह ने अपने बेटे को मुखाग्नि दी. उन्होंने मांग किया है कि उनके बेटे की याद में गांव के प्रवेश पर एक द्वार बनाया जाए ताकि आने वाली पीढ़ियों को उनके बलिदान से प्रेरित किया जा सके. शहीद जवान के अंतिम संस्कार में पंजाब विधानसभा अध्यक्ष राणा के पी सिंह, विधायक अमरजीत सिंह संदोआ और पंजाब युवा कांग्रेस अध्यक्ष बरिंदर सिंह ढिल्लों भी शामिल हुए.
गुरदासपुर के छठा शिरा गांव में शहीद नायक मंदीप सिंह को दी गई अंतिम विदाई
गुरदासपुर के छठा शिरा गांव में नायक मंदीप सिंह का पार्थिव शरीर जब तिरंगे में लिपटा आया तो परिवार के सदस्य देखकर फफक पड़े. मंदीप के परिवार वालों के मुताबिक उनके जल्द ही घर आने की उम्मीद थी. उनके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं. उनका बड़ा बेटा 3 साल का है, वहीं छोटा सिर्फ एक महीने का है. उनकी पत्नी मंदीप कौर ने कहा कि वह अपने दोनों बेटों को उनके पिता की तरह सेना में भर्ती करेंगी. मंदीप के एक भाई भी सेना में तैनात हैं. मनदीप के अंतिम संस्कार में पंजाब के मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, बटाला के विधायक लखबीर सिंह लोधीनांगल समेत अन्य लोग मौजूद थे. राज्य सरकार ने सोमवार को तीनों जवानों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है.
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