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Delhi Pollution: पेट्रोल पंप जाएं तो पॉल्युशन सर्टिफिकेट ज़रूर चेक कर लें वरना कट सकता है चालान

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नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण का अहम कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं भी है. ऐसे में वाहनों से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने एक मुहिम चलाई है. इस मुहिम के तहत अगर आप दिल्ली में किसी फ्यूल स्टेशन पर पेट्रोल या डीजल भरवाने जा रहे हैं और आपके पास पॉल्युशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUCC) नहीं है तो आपका 10 हजार रूपए का चालान भी कट सकता है.

इस मुहिम के लिए दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने 500 एनफोर्समेंट टीमों को तैयार किया है जो फ्यूल स्टेशन्स पर तैनात रहेंगी. हर पेट्रोल पंप पर 4 सदस्यों की एक टीम तैनात की गयी है. ये पहली बार है जब पेट्रोल पंप पर प्रदूषण सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है. इस अभियान के तहत पेट्रोल, डीज़ल, CNG सभी गाड़ियों की चेकिंग की जा रही है.

अगर किसी वाहन के प्रदूषण सर्टिफिकेट की मान्यता खत्म हो चुकी है तो उसकी सारी जानकारी एक डायरी में नोट की जाती है. परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक एनफोर्समेंट टीम ने 7 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक 62176 वाहनों की जांच की और PUC सर्टिफिकेट न पाए जाने वाले 4066 वाहनों का चालान काटा गया.  साथ ही, 39 वाहनों को प्रदूषण फैलाने के लिए भी चालान जारी किया गया है.

मुहिम के बारे में बात करते हुए परिवहन विभाग के डिप्टी कमिश्नर अनुज भारती ने कहा कि सर्दी के मौसम में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है इसलिए वाहनों के प्रदूषण को कम करने के मकसद से एक स्पेशल ड्राइव को अंजाम दिया जा रहा है. जिन वाहन चालकों के पास PUC सर्टिफिकेट नही होता है उन वाहनों की डिटेल नोट की जाती है.

वाहन चालकों से पेट्रोल पंप पर लगे पॉल्युशन चेक सेंटर पर ही PUCC बनवाने की सलाह दी जाती है या उस दिन से पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवा लेने की हिदायत दी जाती है. इसके बाद गाड़ी का नम्बर डेटा बेस में चेक किया जाता है अगर PUCC नहीं बना तो 10 हजार रूपए का ई-चालान घर भेज दिया जाएगा. अगर वाहन चालक चालान नही भरते हैं तो 6 महीने की जेल और 3 महीने तक ड्राइविंग लाइसेंस जब्त करने का प्रावधान भी है.

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 10 अगस्त से 1 सितंबर 2021 तक रोजाना पॉल्युशन अंडर कंट्रोल(PUC) सर्टिफिकेट बनवाने वालों की संख्या सिर्फ 10 हज़ार थी. 2 सितंबर से 18 सितंबर तक रोजाना PUC सर्टिफिकेट बनवाने वालों का आंकड़ा बढ़कर औसतन 15 हजार तक पहुंच गया था. वहीं, 19 सितंबर से 6 अक्टूबर तक रोजाना 20 हजार वाहन चालको ने PUC सर्टिफिकेट बनवाया है. 

सात अक्टूबर से PUC सर्टिफिकेट बनवाने वालों के आंकड़ों में कई गुना उछाल देखने मिला है. 7 से 10 अक्टूबर तक रोजना प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाने वाले वाहन चालकों के आंकड़ा औसतन 38 हजार था. 11 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक रोजाना औसतन 40 हजार पॉल्युशन अंडर कंट्रोल(PUC) सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं.

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