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Punjab News: पांच राज्यों की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का दायरा जब से बढ़ाया गया है, तभी से सबसे ज्यादा विरोध का सुर पंजाब से उठ रहा है. केंद्र के इस फैसले से पंजाब सरकार खफा है. वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 50 किलोमीटर तक बढ़ाए जाने पर केंद्र के इस फैसले का लगातार विरोध कर रहे हैं. साथ ही राज्य की सभी राजनीतिक पार्टियों को इस फैसले पर एकजुट हो जाने का भी आह्वान कर चुके हैं. वहीं, इस आदेश के खिलाफ आज यानी सोमवार को सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई.
सर्वदलीय बैठक समाप्त होने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, ” सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने को लेकर सभी दलों ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पास किया कि केंद्र अपने इस फैसले को तुरंत वापस ले.” इस दौरान सीएम चन्नी ने कहा कि अगर केंद्र अपने इस फैसले को वापस नहीं लेता है, तो इस पर पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सब दलों ने एकजुट होकर संघर्ष करने पर सहमति जताई है.
All parties unanimously passed a resolution that this notification be rolled back (by Central Govt). If the Govt doesn’t do it, parties decided that, a session of Vidhan Sabha be called over this: Punjab CM Charanjit Singh Channi on all-party meet over BSF jurisdiction increase pic.twitter.com/G0fZi8sqyn
— ANI (@ANI) October 25, 2021
सीएम चन्नी ने कहा कि यह मामला पंजाब और पंजाबियों से संबंधित है. कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है और यह संघीय ढांचे में हमारे अधिकार पर छापेमारी की तरह है. उन्होंने कहा कि पंजाब में सभी राजनीतिक दल केंद्र से इस फैसले को वापस लेने की लड़ाई में एक साथ आएंगे.
As this is a matter related to Punjab & Punjabis, law & order is a state subject & it’s like a raid on our rights in the federal structure, all political parties in Punjab will come together in the fight to make Centre withdraw the notification: Punjab CM Charanjit Singh Channi pic.twitter.com/zdXNOJVDYA
— ANI (@ANI) October 25, 2021
इस बैठक में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हुए. बैठक के बाद उन्होंने केंद्र पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “केंद्र संघीय ढांचे को तबाह कर रहा है. बॉर्डर दायरा पांच-सात किलोमीटर तक हो सकता है, लेकिन ये 50 किलोमीटर कैसे हो सकता है? यह राजनीतिक गेम है, चुनाव से पहले ही यह सब नजर आने लगा. केंद्र की तरफ से एजेंसियों को इस्तेमाल किया जा रहा है.”
सिद्धू ने कहा, “केंद्र की तरफ से बंगाल में बीएसएफ टॉर्चर के केस देख लीजिए, अब यही पंजाब में होगा? मकसद राजनीतिक है. कृषि कानून हो या कानून व्यवस्था, ये केंद्र का नहीं, बल्कि राज्य का मसला है. पंजाब में बीजेपी को आज कोई वोट नहीं देना चाहता, इसलिए वहां केंद्र कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा है. सत्याग्रह और धरने होने चाहिए यह मुद्दा लोकसभा तक लड़ना पड़ेगा, कृषि कानून भी विधानसभा में रद्द करना होगा. केंद्र नई-नई चीजें राज्यों पर थोप रहा है.”
वहीं, आज सिलीगुड़ी पहंचीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्र की ओर से लिए गए इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने बीएसएफ का दायरा बढ़ाया जाना संघीय ढांचे में दखल देने का प्रयास बताया. इस दौरान उन्होंने कहा कि अनावश्यक भ्रम पैदा करने की जरूरत नहीं है, कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “पंजाब की तरह हम भी सीमा सुरक्षा बल का दायरा बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे हैं. हमारा सीमावर्ती इलाका पूरी तरह से शांतिपूर्ण है. लॉड एंड ऑर्डर पुलिस का विषय है, ऐसे में बीएसएफ का दायरा बढ़ाए जाने से बाधा उत्पन्न होगी. राज्य सरकार, राज्य के कानून के साथ जाएगी.”