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पुलवामा पहुंचे अमित शाह ने आतंकवाद और पत्थरबाजी को लेकर क्या कुछ कहा? जानें

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Amit Shah in CRPF Camp: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आज जम्मू-कश्मीर यात्रा का तीसरा और आखिरी दिन है. तीन दिवसीय दौरे पर आए गृह मंत्री अमित शाह ने आज यानी सोमवार को पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कैंप का दौरा किया. गृह मंत्री पुलवामा के लेथपोरा स्थित सीआरपीएफ कैंप में जवानों के साथ डिनर किया और आज रात यहीं रुकेंगे. इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी. सीआरपीएफ कैंप पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि पहले कश्मीर में पथराव की घटनाएं सामने आती थीं, हालांकि आज स्थिति अलग है. 

पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप का दौरा करने के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “एक समय था जब कश्मीर में पथराव होता था. आज ऐसी घटनाओं की संख्या में काफी कमी आई है. मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है. यह मानवता के खिलाफ है और हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते.”

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, “मैं अर्धसैनिक बलों के जवानों के साथ समय बिताना चाहता था, उनसे मिलकर उनके अनुभव और कठिनाइयों को जानना और जज्बे को देखना चाहता था. इसलिए पुलवामा के लेथपोरा सीआरपीएफ कैंप में अपने बहादुर जवानों के साथ भोजन किया व आज का रात्रि विश्राम भी कैंप में जवानों के साथ करूंगा.”

बता दें कि पुलवामा का लेथपोरा ये वही जगह है जहां 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था और इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर पर्यटन की ओर से आयोजित ‘हाउसबोट फेस्टिवल’ का भी उद्घाटन किया. इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी.

वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने आज एक सभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के साथ बातचीत की मांग को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा और कहा कि इसके बजाय सरकार जम्मू-कश्मीर को देश में सबसे विकसित राज्य बनाने के लिए घाटी के युवाओं से बात करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की एकमात्र मंशा कश्मीर और जम्मू को विकास के रास्ते पर लाने की थी और लोग 2024 तक हमारे प्रयासों का फल देखेंगे.

अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद अपनी पहली यात्रा पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे शाह ने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और कई अन्य की आधारशिला रखी. यहां एक समारोह में अपने 38 मिनट लंबे भाषण की शुरुआत करने से पहले गृह मंत्री ने मंच पर लगे बुलेट प्रूफ ग्लास को हटवा दिया. बाद में उन्होंने लोगों से कहा कि वह उनके साथ ‘मन की बात’ करना पसंद करते हैं.

शाह ने भारी सुरक्षा वाले शेर ए कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “आज मैं आपसे बिना सुरक्षा और बिना बुलेट प्रूफ ग्लास के खुले दिल से बात करना चाहता हूं और यहां मैं आपके सामने हूं.” गृह मंत्री ने कहा, “मित्रो आज मैंने अखबारों में देखा कि फारूक अब्दुल्ला ने सुझाव दिया है कि सरकार को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए. उन्हें अपनी राय रखने का अधिकार है, लेकिन मैं कश्मीर घाटी के बहन-भाइयों और कश्मीर घाटी के युवाओं से बात करना करना चाहूंगा.” उन्होंने कहा, “अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का केवल एक ही इरादा था- कश्मीर, जम्मू और नवनिर्मित लद्दाख (केंद्र शासित प्रदेश) को विकास के रास्ते पर लाना. आप 2024 तक हमारे प्रयासों का फल देखेंगे.”

गृह मंत्री ने कहा, “अगली बार जब वे (स्थानीय नेता) आपको अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जमीन छीनने के बारे में गुमराह करें, तो उन्हें बताएं कि आपके गांव या क्षेत्र में कितनी जमीन छीनी गई है. अगस्त 2019 से दो वर्ष में कोई जमीन नहीं छीनी गई है.” बता दें कि पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को अगस्त 2019 में निरस्त कर दिया गया था और राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया.



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