राष्ट्रीय

भारत के बुलावे पर आज दिल्ली में जुटेंगे रूस, ईरान समेत 7 देशों के NSA

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

NSA meeting on Afghanistan: भारत की मेज़बानी में  आज 8 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की अहम बैठक होगी. इस बैठक में अफगानिस्तान के हालात के साथ-साथ आतंकवाद को सींचने में पाकिस्तान की भूमिका पर भी मंथन होगा. बैठक के लिए रूस, ईरान, उज़्बेकिस्तान, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दिल्ली पहुंच रहे हैं. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में मुख्यतः साझा खतरों और चिंताओं को लेकर बात होगी.

किन-किन मुद्दों पर होगी बातचीत?

दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा डायलॉग के एजेंडा में अफगानिस्तान के भीतर और उसके आसपास आतंकवाद के खतरे पर बात होगी. साथ ही कट्टरपंथ की चुनौती, नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार और अफगानिस्तान में हथियारों की भारी भरकम नामौजूदगी से जुड़ी चिंताओ पर भी बात होगी. इसका अलावा अफगानिस्तान से आवाजाही की चिंताएं भी NSA स्तर वार्ता का अहम विषय है.  इस बैठक की तैयारियों से वाक़िफ़ सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान में 15 अगस्त को जो हुआ उसको लेकर सभी की चिंताएं हैं. ऐसे में द्विपक्षीय स्तर और क्षेत्रीय स्तर पर क़ई बार वार्ताएं हुई हैं. इस मामले में अफगानिस्तान के क़ई पड़ोसी देशों ने खुलकर तो कुछ ने अपने फैसलों से यह दर्शाया है कि मौजूदा संकट में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर उनकी आशंकाएं हैं. साथ ही उनका मानना हैं कि पाकिस्तान की कथनी और करनी में अंतर है. 

सूत्रों के अनुसार बैठक में अफगानिस्तान और उसके आसपास फैले आतंकवाद के नेटवर्क पर गहनता से बात होगी. ऐसा में स्वाभाविक तौर पर आईएसआई और आईएसआईएस-केपी गुट के बीच संबंधों पर भी बात होगी. क्योंकि अफगानिस्तान में भले ही तालिबान और आईसाईएस-केपी के बीच आपसी रंजिश की तस्वीर बनाई जा रही हो या फिर आईएसआईएस को हालिया बम धमाकों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा हो. लेकिन पाक खुफिया एजेंसी के साथ दोनों के तार जुड़े हैं. जाहिर है भारत की अगुवाई में हो रही बैठक पाकिस्तान के लिए भी बड़ा सन्देश है. यह बैठक बताती है कि अफगानिस्तान की पश्चिमी सीमा के करीबी सभी पड़ोसी इस मुद्दे पर भारत के साथ अपनी चिंताएं भी साझा करना चाहते हैं.

पाकिस्तान ने शामिल होने से मना किया

सूत्रों का कहना है कि सभी देश इस बात को भी मानते हैं कि अफगानिस्तान में तालिबानी निज़ाम के आने से कट्टरपंथी ताकतों की हौसला अफजाई की इजाजत नहीं दी जा सकती. महत्वपूर्ण है कि भारत ने 10 नवम्बर की बैठक में शरीक होने को लेकर पाक को भी निमंत्रण दिया था लेकिन इस्लामाबाद ने शामिल होना मुनासिब नहीं समझा. वैसे यह कोई पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान ने क्षेत्रीय सुरक्षा डायलॉग में भाग लेने से इनकार किया हो. इससे पहले जब 2018 में पहली बार ईरान ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों क़ई ऐसी बैठक आयोजित की थी तबभी पाक ने भारत की मौजूदगी का हवाला देते हुए शरीक होने से इनकार कर दिया था. 

इतना ही नहीं, अफगानिस्तान में मानवीय संकट के नाम पर दुनिया का क़ई मंचों पर घड़ियाली आँसू बहा रहे पाकिस्तान ने भारत को मदद के साथ भेजे जाने वाले ट्रकों को रास्ता देने से इनकार कर दिया. यह साफ बताता है कि पाक की मंशा अफगानिस्तान की मदद से ज़्यादा उसके नाम पर अपने हित साधने की है. आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि इस बैठक के जरिए सभी देश जहाँ अपना सुरक्षा आकलन साझा करेंगे. वहीं सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की रणनीति पर व्यापक सहयोग की संभावना भी तलाशेंगे. इतना ही नहीं यह बैठक काबुल में मौजूद तालिबानी निजाम को भी सन्देश देगी. इस बैठक के हाशिए पर जहाँ क़ई राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोवाल से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी भेंट करेंगे सभी 8 NSA

वहीं सभी 8 NSA प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी भेंट करेंगे. इस बीच बैठक के लिए भारत ने चीन को भी भी आमंत्रित किया था लेकिन नई दिल्ली में होने वाली इस अहम बैठक में उसका कोई नुमाइन्दा नहीं होगा. सरकारी सूत्रों का कहना है कि चीन ने शेड्यूलिंग की समस्या का हवाला देते हुए बैठक में शामिल होने से असमर्थता जता दी. हालाँकि बीते दिनों भारत की अगुवाई में हुई BRICS देशों के NSA की बैठक में चीन शामिल हुए था. अफगानिस्तान के हालात पर हो रही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में काबुल के तालिबानी निज़ाम से किसी को न्यौता नहीं दिया गया है. इस बाते में पूछे जाने पर आधिकारिक सूत्रों का कहना था कि इस बारे में न तो कोई विचार किया गया और न ही किसी अन्य आमंत्रित देश ने इसका आग्रह किया. ध्यान रहे क़ई भारत समेत बैठक में शामिल हो रहे किसी भी देश ने अभी तक तालिबानी निज़ाम को मान्यता नहीं दी है. 

अफगानिस्तान संकट को लेकर भारत की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक को क्षेत्रीय समीकरणों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वहीं NSA स्तर बैठक की अहमियत इस बात से भी बढ़ जाती है कि रूस और किर्गीज़स्तान जैसे देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तो हाल ही में भारत दौरे कर गए थे.

यह भी पढ़ें-

Fadnavis vs Nawab Malik: आज नवाब मलिक की बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस, फडणवीस के अंडरवर्ल्ड कनेक्शन पर फोड़ेंगे ‘हाइड्रोजन बम’

Rafale Deal: राफेल डील पर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने, जानें- कैसे UPA और NDA की सरकार में अलग है यह सौदा

[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button