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Chhath Puja 2021: छठ महापर्व के मौके पर आज डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया गया. देश के अलग-अलग हिस्सों में व्रतियों ने सूर्य देवता को अर्ध्य दिया. कल उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पूजा संपन्न होगी. इस मौके पर पटना से लेकर बनारस और दिल्ली से गोरखपुर तक छठ की रौनक देखते ही बन रही है. आज तीसरे दिन शाम को डूबते सूरज को नदी या तालाब में खड़े होकर छठ व्रतियों ने अर्घ्य दिया. देशभर में छठ की निराली छटा देखने को मिली.
इस महापर्व के मौके पर छठी मैय्या को साक्षी मानते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. साथ ही, भगवान से संतान की सुख-समृद्धि और संतान प्राप्ति की कामना की जाती है. छठ का व्रत 36 घंटे निर्जला रहकर किया जाता है. कल 11 नवंबर के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद लोगों में प्रसाद का वितरण किया जाएगा. उसके बाद ही व्रत पारण किया जाता है. सभी व्रतों में सबसे कठिन व्रत छठ का माना जाता है.
छठ व्रत रखने और पूजा करने से छठ मैय्या की आशीष मिलती है. संतान को जीवन में सुख मिलता है और सूर्य देव की कृपा से निरोगी जीवन की प्राप्ति होती है. कल प्रात: उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय: प्रात: 06 बजकर 41 मिनट है. इसके बाद प्रसाद बांटा जाता है. फिर व्रती महिलाएं व्रत का पारण करती हैं.
अर्घ्य देते समय सूर्य अर्घ्य मंत्र (Chhath Puja Surya Arghya mantra)
ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।
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