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अल्ताफ की मौत पर अल्पसंख्यक आयोग ने लिया स्वत: संज्ञान, पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल

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Kasganj case: उत्तर प्रदेश के कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक मुस्लिम युवा की मौत पर अल्पसंख्यक आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रदेश के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अल्पसंख्यक आयोग के चैयरमैन ने खुद एबीपी न्यूज से बातचीत में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. 

अल्पसंख्यक आयोग के चैयरमैन, इकबाल सिंह लालपुरा ने गुरूवार को बताया कि एक दिन पहले ही उत्तर-प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा है. बता दें कि कासगंज में एक थाने में पुलिस के लॉकअप में अल्ताफ नाम के एक युवा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. शुरुआत में पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताया था, लेकिन पुलिस कस्टडी में हुई मौत को अल्पसंख्यक आयोग ने गंभीरता से लिया है. हालांकि, पुलिस हिरासत में हुई किसी भी मौत पर मजिस्ट्रेट जांच और राज्य सरकार को मानवाधिकार आयोग को रिपोर्ट रिपोर्ट पेश करनी ही होती है.

एबीपी न्यूज से बातचीत में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष, लालपुरा ने कहा कि पुलिस को किसी भी मामले में आरोपी को टॉर्चर करने की बजाए संजीदगी से जांच करनी चाहिए. अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष, लालपुरा एक पूर्व-आईपीएस अफसर हैं और रिटायरमेंट से पहले लंबे समय तक पंजाब पुलिस में अपनी सेवाएं दी हैं. उन्होनें दो महीने पहले ही अल्पसंख्यक आयोग का पदभार संभाला है. 

लालपुरा ने बताया कि हाल ही में लखीमपुरी खीरी में हुई हिंसा और सिंघु बॉर्डर में एक सिख युवक की हत्या के मामले में भी अल्पसंख्यक आयोग जांच कर रही है. हालांकि, दोनों ही प्रदेशों की सरकारें (यूपी और हरियाणा) ने अपनी-अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप दी है. लालपुरा ने बताया कि पिछले दो महीने में आयोग ने कुल मिलाकर 70 नोटिस अलग-अलग प्रदेश सरकारों को जारी किए हैं. इनमें से 16 मामलों में आयोग ने खुद संज्ञान लेकर जवाब तलब किया है. 

सिख छात्रों के कड़े को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस

अल्पसंख्यक आयोग ने हाल ही में चंडीगढ़ के एक स्कूल में सिख छात्रों को परीक्षा से दो घंटे पहले बुलाकर उनके कड़े उतरवाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र शासित प्रदेश और केंद्रीय शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर संवेदनशील बनने का आदेश दिया है. हरिद्वार में एक गुरुद्वारा के चौड़ीकरण को लेकर भी आयोग ने उत्तराखंड और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. 

84 दंगों के पीड़ितों को मुआवजा ना मिलने पर 11 प्रदेशों की सरकारों को नोटिस 
आयोग ने 84 सिख दंगों के पीड़ितों को आजतक मुआवजा या फिर नौकरी ना देने पर आयोग ने नोटिस जारी किए हैं.

आर्यन केस 
मुंबई के बहुचर्चित आर्यन ड्रग्स केस को लेकर लालपुरा ने मीडिया को बेवजह तूल देन के लिए लताड़ा. उन्होंने कहा  कि कुछ ग्राम ड्रग्स पकड़े जाने पर इतना हल्ला हो रहा है, जबकि दूसरे मामलों में बड़ी संख्या में ड्रग्स की खेप पकड़ी जाती रही है.

समीर वानखेड़े के धर्म परिवर्तन मामला 
अनूसूचित जाति के आधार पर आईआरएस बनने वाले नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर, समीर वानखेड़े के शादी के लिए इस्लाम धर्म कबूल करने पर लालपुरा ने कहा कि ये किसी का भी जाती मामला है. इस पर वे कुछ नहीं कह सकते, क्योंकि उन्होनें अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है.

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