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ऑनलाइन बाल यौन शोषण कांड में CBI ने की 7 गिरफ्तारी, एजेंसी को चार लोगों की मिली रिमांड

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Online Child Abuse Scandal: ऑनलाइन बाल यौन शोषण कांड के देशव्यापी छापों के बाद सीबीआई ने अब तक सात लोगो को गिरफ्तार किया है. इनमें से दिल्ली से गिरफ्तार चार लोगों को विशेष सीबीआई अदालत ने तीन दिन की सीबीआई रिमांड पर भेजा है. अब तक की जांच के दौरान पाकिस्तान, सऊदी अरब, बांग्लादेश समेत अनेक विदेशी देशों के लोगों की अहम भूमिका पाई गई है. सीबीआई इंटरपोल की मार्फत इन देशो से संपर्क कर रही है. आरंभिक जांच के दौरान यह भी पता चला है कि कोरोना काल के दौरान ऐसे मामलो में तीन गुना की बढ़ोतरी हुई है.

बाल यौन शोषण कांड मामले की जांच के दौरान ओडिशा के भद्रक में एक संदिग्ध के घर सीबीआई के अधिकारी छापा मारने पहुंचे थे, लेकिन वहां खुद सीबीआई की टीम को ही जान के लाले पड़ गए और स्थानीय पुलिस को मौके पर पहुंच कर सीबीआई टीम को बचाना पड़ा, लेकिन सीबीआई ने संदिग्ध सुरेंद्र कुमार नायक को गिरफ्तार कर लिया और उसे ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया जा रहा है. ध्यान रहे कि सीबीआई ने बाल यौन शोषण कांड में ऐतिहासिक कार्रवाई करते हुए बाल दिवस यानी 14 नवबंर के दिन 83 लोगों के खिलाफ 23 मुकदमें दर्ज कर देश भर में 77 जगहों पर छापेमारी की थी.

सीबीआई के एक आला अधिकारी ने बताया कि ये तमाम मामले खुद सीबीआई की अपनी जांच के नतीजे हैं और इन मामलों की आरंभिक जांच में यह भी पाया गया कि इन मामलों के तार 100 से ज्यादा देशों से जुड़े हुए हैं और इसमें विदेशी मुस्लिम देशों के लोगों की अहम भूमिका भी पाई गई है.

आपको उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में एक इंजीनियर द्वारा बाल यौन शोषण का मामला तो याद होगा ही. सीबीआई जांच के दौरान पता चला था कि इंजीनियर और उसकी पत्नी ने लालच देकर 25 बच्चों को यौन शोषण का शिकार बनाया था. इसके बाद भी सीबीआई ने लगातार ऐसे मामलों की जांच जारी रखी और इसी दौरान सीबीआई को पता चला कि देश भर में 50 ग्रुप ऐसे हैं, जो बाल यौन शोषण के वीडियो, चित्रों आदि का प्रचार प्रसार कर रहे हैं और बाकायदा कुछ लोगों द्वारा इसे बेचा भी जा रहा है. सीबीआई को अब तक जाचं के दौरान यह भी पता चला कि इस ग्रुप में 5000 से ज्यादा लोग जुडे हुए हैं.

सूत्रों के मुताबिक दो वेबसाइट ऐसी पाई गई हैं, जो बालयौन शोषण के वीडियो के लिए स्टोरेज सुविधा मुहैया कराती है, जबकि एक रशियन वेबसाइट के जरिए फोटो शेयरिंग की सुविधा दी जाती है. सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक ऐसी तमाम वेबसाइटों पर जांच एजेंसी की कड़ी निगाहें लगी हुई हैं और अनेक लोग अभी भी सीबीआई के रडार पर है, जो इस धंधे को बढ़ावा दे रहे हैं.

सीबीआई के मुताबिक अब तक की छापेमारी के दौरान जो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एवं दस्तावेज मिले हैं, उन सभी की जांच की जा रही है और इस मामले में सीबीआई की सीएफएसएल शाखा का भी सहयोग लिया जा रहा है. इन डिवाइज़ों की जांच के दौरान यह देखा जा रहा है कि इनमें विदेशी बच्चों के अलावा भारत के बच्चे शामिल हैं या नहीं…सीबीआई को आशा है कि इन दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज़ों की जांच के दौरान अनेक अहम खुलासे हो सकते हैं. सीबीआई इस मामले के तहत इंस्ट्राग्राम, पोर्न वेबसाइट, समेत अनेक सोशल नेटवर्क की वेबसाइटों और डार्कवेब की भी जांच कर रही है और कुछ जगहों पर पैसों के लेनदेन भी मिले हैं. कुछ आरोपी बाल यौन शोषण से जुड़ी साम्रगी विदेशी वेबसाइट पर अपलोड भी करते थे, जिन्हें उसके बदले मोटी रकम भी आती थी.

सीबीआई के आला अधिकारी के मुताबिक इन डिवाइज़ों की जांच के दौरान भारतीय बच्चे भी पाए गए तो इस मामले में पॉक्सो एक्ट भी जोड़ दिया जायेगा. अब तक की जांच के दौरान सीबीआई ने इस मामले में आपराधिक षडयंत्र और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. अब तक के आंकलन के दौरान यह पता भी चला है कि बाल यौन शोषण मामलों की संख्या में कोरोना काल के दौरान तीन गुना इजाफा हुआ है.

इस मामले में सीबीआई ने जिन सात लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें दिल्ली से रमन गौतम, सतेंद्र मित्तल, पुरूषोत्तम झा, ओडिशा से सुरेंद्र नायक, नोएडा के निशांत जैन, झांसी के जितेंद्र कुमार और तिरूपति के टी मोहन कृष्णा शामिल बताए गए हैं. इनमें से चार आरोपियों को दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने तीन दिन के रिमांड पर भेज दिया है.

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक बरामद कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज़ों में इंटरनेशनल कनेक्शन के कोड भी पाए गए हैं, जिन्हें डिकोड करने की कोशिश की जा रही है. इन कोडो में वीडियो बनाने वाली पार्टी, अपलोड करने वाली पार्टी, और बेचने वाली पार्टी के बारे में भी अहम जानकारी कोड के रूप में है, इस मामले में सीबीआई कुछ और गिरफ्तारियां भी कर सकती है और बड़े खुलासे भी सामने आ सकते हैं.

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