राष्ट्रीय

जब भारतीय जवानों ने खट्टे कर दिए थे चीनी सेना के दांत, रेजांगला की लड़ाई को जानिए

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

Rezangla Day: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा से सटे रेजांगला वॉर मेमोरियल जाकर वीरगति को प्राप्त सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान राजनाथ सिंह ने सेना की ओर से तैयार किए गए नवीनीकृत रेजांगला वॉर मेमोरियल को देश को समर्पित किया. खास बात ये है कि आज रेजांगला लड़ाई को 59 साल पूरे हो रहे हैं. साल 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध के दौरान भले ही भारत को मुंह की खानी पड़ी हो लेकिन रेजांगला के युद्ध में भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट (’13 कुमाऊं’) के सैनिकों ने चीनी सेना के दांत खट्टे कर दिए थे.

गलवान में शहीद जवानों के नाम भी लिखे गए

नए वॉर मेमोरियल पर रेजांगला युद्ध के वीर सैनिकों के नाम तो होंगे ही साथ ही पिछले साल यानी 2020 में चीना सेना के साथ हुए गलवान घाटी की हिंसा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के नाम भी लिखे गए हैं. रेजांगला वॉर मेमोरियल को ‘अहीर धाम’ का नाम भी दिया गया है, क्योंकि ’13 कुमाऊं’ रेजीमेंट की जिस कंपनी ने 1962 में युद्ध लड़ा था, वो अहीर कौम की कंपनी है. लंबे समय से अहीर जाति अपनी खुद की एक रेजीमेंट की मांग कर रही थी, जैसे सिख, जाट, गोरखा, राजपूत इत्यादि हैं, लेकिन सरकार ने मांग स्वीकार नहीं की है.

Rezangla Day: जब भारतीय जवानों ने खट्टे कर दिए थे चीनी सेना के दांत, रेजांगला की लड़ाई को जानिए

मेजर शैतान सिंह को मरणोपरांत मिला था परमवीर चक्र

रेजांगला की लड़ाई में अदम्य साहस और वीरता के लिए भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे मेजर शैतान सिंह को मरणोपरांत परमवीर चक्र से नवाजा गया था. लड़ाई के बाद मेजर शैतान सिंह के पार्थिव शरीर को जब युद्धस्थल से उठाया गया था तो उनकी उंगली अपनी राइफल के ट्रिगर पर थी. यानी मरते दम तक वे चीनी सैनिकों से लोहा लेते रहे थे.

कहा जाता है कि रेजांगला की लड़ाई में चीन के खिलाफ लड़ते हुए मेजर शैतान सिंह और उनके सभी साथियों का एम्युनेशन यानी गोलियां और गोला-बारूद खत्म हो गया था. इसके बाद भी कुमाऊं रेजीमेंट की इस ‘सी’ कंपनी ने चीनी सैनिकों के सिर पकड़-पकड़कर पहाड़ देकर मौत के घाट उतार दिया था. लेकिन बाद में चीनी सेना की तादाद ज्यादा होने के चलते 120 में से 114 सैनिकों वीरगति को प्राप्त हो गए और बाकी 06 सैनिकों को चीन की पीएलए सेना ने युद्ध बंदी बना लिया था. बाद में इस सी कंपनी को हमेशा के लिए रेजांगला कंपनी का नाम दे दिया गया. ये भारतीय सेना की एकमात्र ऐसी कंपनी है जो किसी नाम से जानी जाती है. अन्यथा सभी कंपनियों के नाम ए, बी, सी इत्यादि होते हैं.

रेजांगला की लड़ाई की याद में मशहूर गीतकार प्रदीप ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाना लिखा था. इस गाने को जब लता मंगेशकर ने गाया था तो तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आंखें भर आई थीं.

भारतीय सेना को खली थी टैंकों की कमी

पिछले साल यानी 2020 में जब भारत और चीन का एलएसी पर तनाव एक बार फिर से शुरू हुआ था तो भारतीय सेना ने चीन के खिलाफ इसी चुशूल सेक्टर के रेचिन ला दर्रा सहित कैलाश हिल रेंज पर ‘प्री-एम्टिव स्ट्राइक’ कर चीन की पीएलए सेना के छक्के छुड़ा दिए थे. इस प्री-एम्टीव स्ट्राइक का ही नतीजा था कि चीनी सेना फिंगर एरिया से पीछे हटने के लिए तैयार हुई थी. उस दौरान भारतीय सेना ने अपनी टैंक ब्रिगेड और मैकेनाइज्ड व्हीकल्स को भी वहां तैनात किया था. हालांकि, इसी साल के शुरूआत में दोनों देशों के बीच हुए पहले चरण के डिसएंगेजमेंट एग्रीमेंट के बाद दोनों देशों की सेनाओं ने अपने अपने टैंक और मैकेनाइज्ड कॉल्मस पीछे कर लिए थे.

गौरतलब है कि 1962 के युद्ध के दौरान भारतीय सेना को पूर्वी लद्दाख के रेजांगला और चुशुल इलाके में टैंकों की कमी बेहद खली थी. उस वक्त वायुसेना के एएन-32 विमान के जरिए कुछ विमानों को भेजा जरुर गया था, लेकिन उनमें बेहद दिक्कत आई थी.

यह भी पढ़ें-

Sexual Assault Case: पॉक्सो पर सुप्रीम कोर्ट ने बदला हाईकोर्ट का फैसला, कहा- ‘स्कीन टू स्कीन कॉन्टेक्ट होना जरूरी नहीं’

Arvind Kejriwal on Yamuna: सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा- 2025 तक साफ कर देंगे यमुना, बदल रहे सीवर सफाई की तकनीक, बताए 6 एक्शन प्वाइंट्स

[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button