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J&K: पुलवामा जैसे हमले की साजिश रच रहे थे मारे गए दोनों आतंकी, अब 40 किलो विस्फोटक की तलाश जारी

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Terrorists Killed In J&K: बुधवार को कश्मीर में मारे गए दो आतंकियों के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है. खुलासा ये है कि ये दोनों पुलवामा हमले की तर्ज पर बड़े हमले को अंजाम देना चाहते थे और इसके लिए इन लोगों ने बाकायदा 40 किलो से ज्यादा विस्फोटक भी इक्ट्ठा किया था. साथ ही ये दोनों उस साजिश का हिस्सा भी थे जिसके तहत जम्मू कश्मीर मे बेगुनाह लोगों को निशाना बनाया जा रहा था.

फुरकान और यासीर के थे खतरनाक मंसूबे
मारे गए दुर्दांत पाकिस्तानी आतंकवादी जिसका नाम फुरकान था और पाकिस्तान ने इसे विशेष रूप से भारत भेजा था ताकि स्थानीय लोगों को बरगला कर ये साजिशों को अंजाम दिला सके. फुरकान अपने इन मंसूबो में काफी हद तक कामयाब भी हुआ. इसके अलावा यासीर अहमद पारे लश्कर का नाम जान लें जो कश्मीर स्थित खूंखार कंमाडर फुरकान के इशारों पर पूरी तरह से नाच रहा था और अपने ही लोगों को मार रहा था.

पाकिस्तान की नापाक साजिश का हिस्सा था फुरकान
खुफिया शाखा के एक आला अधिकारी के मुताबिक फुरकान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आंतकी संगठन लश्कर-ए- तैयबा के बड़े हुक्मरानों के लगातार संपर्क में रहता था और पाक की उस नापाक साजिश का हिस्सा भी था जिसके तहत जम्मू कश्मीर के बेगुनाह लोगों को मारा गया था. एजेंसिया इन दोनों की पिछले आठ महीने से तलाश में थी क्योकि उन्हें पता चला था कि ये लोग पुलवामा हमले की तर्ज पर बडे हमले को अंजाम देना चाहते हैं.

पुलवामा के पास ही देना चाहते थे वारदात को अंजाम
खुफिया एजेंसियो को यह भी पता चला कि ये लोग पुलवामा के आसपास ही बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहते हैं और इसके लिए इन लोगों ने ऐरीगम लेसीपुर रोड पर रेकी भी कर ली थी. पुलवामा चुनने की एक वजह यह भी थी कि यासीर पारे वहीं का रहने वाला था और उसे वहां से स्थानीय सपोर्ट भी हासिल हो सकती थी. अपनी योजना को अंजाम देने के लिए इन लोगों ने बाकायदा 40 किलो से ज्यादा विस्फोटक का भी इंतजाम कर लिया था और खुद पारे एक बेहतरीन आईईडी एक्सपर्ट माना जाता था जो कम समय में आईईडी तैयार कर लेता था. सुरक्षाबलों को बुधवार की सुबह इन लोगों के छुपे होने का पता चला और मुठभेड़ मे ये दोनों मारे गए.

जम्मू कश्मीर पुलिस का क्या है कहना
जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने भी यह माना कि यह आतंकवादी स्थानीय लोगों को मारने की साजिशों में शामिल थे. साथ ही दोनों के ऊपर लाखों रुपए का इनाम था. इनके पास से हथियार और गोला बारूद समेत अनेक महत्वपूर्ण चीजें बरामद बताई जाती हैं. 

40 किलो विस्फोटक की तलाश में हैं जांच एजेंसिया 
हालांकि अब यासीन अहमद पारे और उसके सहयोगी फुरकान के पास मौजूद 40 किलो से ज्यादा विस्फोटक आखिर गया कहां? इस सवाल को लेकर खुफिया और जांच एजेंसियां बेहद परेशान हैं और उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही हैं एजेंसियो को शक है कि ये विस्फोटक फुरकान के पाकिस्तानी सहयोगी अबू रफिया के पास है और उसे डर है कि आने वाले दिनो में इस विस्फोटक के जरिए कहीं किसी बड़ी साजिश को अंजाम ना दे दिया जाए.

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