राष्ट्रीय

महाराष्ट्र कैबिनेट का फैसला, स्कूलों की फीस में की जाएगी 15 फीसदी की कमी

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

[ad_1]

मुंबई: कोरोना काल में जब से स्कूलों में नए सेशन की शुरुआत हुई है अभिभावक स्कूल फीस को लेकर बेहद परेशान थे. कुछ अभिभावकों को फीस भरने में दिक्कत हो रही थी तो कुछ स्कूलों ने करीब 15 फीसदी फीस बढ़ा दी थी. इसका अभिभावक लगातार विरोध कर रहे थे लेकिन आज महाराष्ट्र सरकार की तरफ से इन अभिभावकों के लिए एक सुखद खबर आई है.

महाराष्ट्र सरकार की आज कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है कि महाराष्ट्र के स्कूलों में फीस 15 फ़ीसदी कम की जाएगी. जिन अभिभावकों ने अपने बच्चों की फीस भर दी है सरकार की तरफ से उन्हें 15 फ़ीसदी फीस लौटाने का प्रावधान किया जाएगा.

हाल के दिनों में देखा गया था कि बहुत सारे स्कूलों के बाहर अभिभावकों ने बढ़ी हुई फीस और फीस कटौती की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किए गए थे. सरकार से फीस के मुद्दे पर लगातार अभिभावकों की तरफ से शिकायत की जा रही थी जिस पर सरकार ने ध्यान दिया और आज कैबिनेट में स्कूलों में 15 फ़ीसदी फीस कम करने का फैसला लिया गया.

महाराष्ट्र की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने बताया कि जिस तरह से राजस्थान में कोरोना काल में फीस की कटौती को लेकर अदालत ने एक फैसला दिया था उसी को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र में भी इस कटौती को लागू करने का फैसला लिया गया है. इससे कोरोना के चलते मार झेल रहे तमाम अभिभावकों को राहत मिलेगी.

बाढ़ प्रभावित इलाकों को लेकर हुआ ये फैसला

इसके साथ ही महाराष्ट्र कैबिनेट की आज हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को अतिरिक्त राहत राशि उपलब्ध कराने के लिए 15 दिनों के भीतर प्रभावित क्षेत्रों की विस्तृत रिपोर्ट और ‘पंचनामा’ कैबिनेट के समक्ष लाया जाए. वर्तमान में एसडीआरएफ राज्य आपदा राहत कोष के मानदंडों के अनुसार प्रभावित परिवारों को उनके घरेलू सामान, कपड़े और बर्तन के नुकसान के लिए तत्काल सहायता प्रदान की जा रही है.

असम-मिजोरम सीमा विवाद: गतिरोध वाली जगह पर केंद्रीय बल की होगी तैनाती, गृह मंत्रालय की बैठक में बनी सहमति

[ad_2]

Source link

Aamawaaz

Aam Awaaz News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2018. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2018.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button