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Farmers Protest: किसानों ने आज अपना ऐतिहासिक आंदोलन दिल्ली की सीमाओं पर स्थगित करने की घोषणा की. संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने मोदी सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद कहा कि 11 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं वाले विरोध स्थलों से घर लौट जाएंगे. किसानों के इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर खुशी जताई.
उन्होंने #FarmersProtest, #SatyaKiJeet के साथ लिखा, ”अपना देश महान है, यहां सत्याग्रही किसान है! सत्य की इस जीत में हम शहीद अन्नदाताओं को भी याद करते हैं.”
अपना देश महान है,
यहाँ सत्याग्रही किसान है!सत्य की इस जीत में हम शहीद अन्नदाताओं को भी याद करते हैं।#FarmersProtest #SatyaKiJeet pic.twitter.com/L1JeJ8Tf1N
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 9, 2021
वहीं किसानों द्वारा आंदोलन स्थगित करने पर केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि इस सरकार ने टकराव का रास्ता नहीं टॉक का रास्ता अपनाया है. संवेदनशीलता के साथ बातचीत का रास्ता अपनाया है. सरकार की नीति और नियत अन्नदाताओं, कृषि के पक्ष में है. यह हर व्यक्ति समझता है, वह भी समझ रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने किसान संघों के प्रदर्शन स्थगित करने के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे बीजेपी को केंद्र और राज्य दोनों में पार्टी की सरकारों द्वारा किए गए कामों को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए अपना एजेंडा तय करने में मदद मिलेगी.
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जाट समुदाय से बीजेपी के प्रमुख नेता बालियान ने कहा कि पार्टी की स्थिति में सुधार आएगा क्योंकि ‘‘नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उठाए कदमों से संतुष्ट होकर ’’ किसान घर लौट रहे हैं.
उन्होंने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘यह न केवल मेरे लिए बल्कि हम सभी के लिए खुशी की बात है और वे सरकार के कदमों से संतुष्ट होकर घर जा रहे हैं.’’
इससे पहले किसान नेताओं ने कहा कि वे 15 जनवरी को यह देखने के लिए फिर बैठक करेंगे कि क्या सरकार ने उनकी मांगों को पूरा किया है. मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान पिछले साल 26 नवंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. तीनों कृषि कानून वापस लिए जा चुके हैं.
आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को केंद्र सरकार द्वारा हस्ताक्षरित पत्र मिलने के बाद यह घोषणा हुई है. पत्र में किसानों के खिलाफ मामलों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर एक समिति बनाने सहित उनकी लंबित मांगों पर विचार करने के लिए सहमति व्यक्त की गई.
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