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आईएसआईएस में शामिल होकर अफगानिस्तान गई आयशा मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने जानें क्या कहा

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Supreme Court News: ISIS में भर्ती होकर आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफगानिस्तान गई सोनिया सेबेस्टियन उर्फ आयशा को भारत वापस लाने का मसला सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर छोड़ दिया है. आयशा के पिता ने अपनी बेटी और नातिन सारा को देश वापस लाने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट मामले का निपटारा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार 8 हफ्ते में विचार कर फैसला ले.

आयशा 2019 से अफगानिस्तान की जेल में बंद है. इस्लाम कबूल कर चुकीं आयशा समेत केरल की 4 महिलाएं अपने पतियों के साथ ISIS की तरफ से लड़ाई में हिस्सा लेने के लिए अफगानिस्तान गई थीं. पतियों की मौत के बाद उन्होंने समर्पण कर दिया था. सोनिया उर्फ आयशा के पिता वी जे सेबेस्टियन फ्रांसिस की याचिका में कहा गया था कि उसे अपने किए का पछतावा है. कोर्ट भारत सरकार को निर्देश दे कि वह आयशा और उसकी बेटी सारा को देश वापस लाए.

भारत में आयशा के खिलाफ UAPA के तहत मुकदमा दर्ज

याचिका में कहा गया था कि अफगानिस्तान के बदले हालात में आयशा के जीवन पर गंभीर खतरा है. भारत में भी उसके खिलाफ UAPA के तहत मुकदमा दर्ज है. उसे वापस लाकर यहां मुकदमा चलाया जाना चाहिए. सेबेस्टियन फ्रांसिस के वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपा था लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जस्टिस एल नागेश्वर राव और बी आर गवई की बेंच ने मामले पर सीधे कोई आदेश देने की बजाय कहा कि वह केंद्र को ज्ञापन पर विचार का निर्देश दे रहे हैं.

जजों ने मामले का निपटारा करते हुए कहा कि सरकार 8 हफ्ते में मामले पर निर्णय ले. अगर याचिकाकर्ता को अपने ज्ञापन पर केंद्रीय विदेश मंत्रालय की तरफ से लिए गए निर्णय से समस्या हो तो वह हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है.

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