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आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने क्यों और कैसे बदला अपना नाम? घोषणापत्र में हुआ दिलचस्प खुलासा

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Uttar Pradesh Assembly Election 2022: एबीपी के कार्यक्रम ‘घोषणापत्र’ में जयंत चौधरी ने एक दिलचस्प खुलासा किया. हम इसको दिलचस्प इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि ये उनके नाम को लेकर था. जयंत चौधरी से घोषणापत्र में पूछा गया कि आखिर आपने क्यों बदला नाम? इस सवाल के जवाब में जयंत चौधरी ने मुस्कुराकर जवाब दिया कि नाम में क्या रखा है. 

जयंत चौधरी ने कहा कि हमारी पार्टी किसी जाति की नहीं है. मैं नए विचार का व्यक्ति हूं. चौधरी साहब के निधन के बाद मैं लोगों से कोरोना की वजह से नहीं मिल पाया. फिर मैंने छपरौली में कार्यक्रम आयोजित किया. वहां पर विभिन्न समाज के लोग जुटे. उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया, पगड़ी पहनाई. उन्होंने मुझसे कहा कि जयंत चौधरी लिखना बंद करो, जयंत सिंह लिखो. ये सब ऐसे फैसले होते हैं, इसका ज्यादा महत्व नहीं होता है.

अपने फेसबुक और ट्विटर अकाउंट से बदला नाम

दरअसल जयंत चौधरी ने ट्विटर, फेसबुक अकाउंट से अपना नाम जयंत चौधरी से चौधरी जयंत सिंह कर लिया था. जयंत चौधरी के पिता चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद एक गांव के एक कार्यक्रम में गए थे और उसी दिन से वो जयंत चौधरी से चौधरी जयंत सिंह हो गए. क्योंकि वहां आए हुए समुदाय के लोगों ने जयंत चौधरी से कहा कि वो भी अपने पिता और दादा की तरह अपने नाम के आगे चौधरी लिखा करें.

  

जयंत चौधरी ने सीएम योगी पर किया वार

घोषणापत्र कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार का बचाव करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि 2017 के बाद के अपराध के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी होती चली गई. एनसीआरबी का डाटा बताता है कि कोई भी उपलब्धि योगी जी की नहीं रही. पुलिसवालों पर जनता का विश्वास इन्होंने ठोंक दो ठोंक दो, करके कमजोर कर दिया. हमने अपने मेनिफेस्टो में कहा है कि साझी सरकार बनेगी. किसी प्रकार की गुंडागर्दी को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. हमारे लिए सगी सिर्फ जनता है. उनके प्रति हमारी जवाबदेही है. कानून के मुताबिक अपराध करने वालों पर कार्रवाई होगी.

गठबंधन और अखिलेश से कैसी है ट्यूनिंग

क्या आप माहौल देखकर गठबंधन करते हैं? राजनीति में अगर आपको रहना है तो छोटी पार्टियों को अक्सर गठबंधन करना पड़ता है, लेकिन इसमें आप समझौता किस चीज से करते हो. हम मुद्दों को लेकर गठबंधन करते हैं. हम अपने मुद्दे नहीं बदलते. मेरे पिता अजीत चौधरी ने किसानो के लिए काम किया. 

अखिलेश और अपनी ट्यूनिंग पर जयंत चौधरी ने कहा कि हम बातचीत करके ही फैसला करते हैं. क्या आपने जमीरउल्लाह का टिकट कटवाया इस बात पर चौधरी ने कहा कि किसी मुस्लिम के अपमान की कोई बात नहीं है. मैंने उनका टिकट नहीं कटवाया. ओवैसी जी को बस एक चिंगारी भड़कानी है और वो उसी कोशिश में लगे हैं.

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