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अमृतसर ईस्ट बनी हॉट सीट, सिद्धू का ‘टेस्ट’ लेने के लिए मैदान में ‘माझे दा जरनैल’ मजीठिया

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Punjab Election Navjot Singh Sidhu vs Bikram Singh Majithia: पंजाब की अमृतसर ईस्ट विधानसभा सीट सूबे की सबसे चर्चित सीट बन गई है. यहां से राज्य के दो दिग्गज नेता आमने-सामने हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को चुनौती देने के लिए अकाली दल ने बिक्रम मजीठिया को मैदान में उतारा है. ये चुनावी जंग इन दोनों नेताओं के लिए कई मायनों में अहम होने वाली है. सिद्धू या मजीठिया में से जो चुनाव हारेगा, उसकी यह पहली राजनीतिक हार होगी.  

सिद्धू और मजीठिया को कभी एक-दूसरे के करीब देखा जाता था, लेकिन जब अकाली दल केंद्र की सत्ता में था तब दोनों में दूरियां बढ़नी शुरू हो गई थीं. इसके बाद से दोनों न सिर्फ एक-दूसरे पर तीखे बयानबाजी कर चुके हैं बल्कि पंजाब विधानसभा में कई बार भिड़े भी हैं. सिद्धू मजीठिया पर ड्रग्स की तस्करी का आरोप लगा चुके हैं और उनपर कार्रवाई के लिए अभियान चला रहे हैं. 

बिक्रम मजीठिया को कहा जाता है ‘माझे दा जरनैल’

बिक्रम मजीठिया को अकालियों द्वारा ‘माझे दा जरनैल’ (माझा क्षेत्र का जनरल) कहा जाता है. उन्हें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा सोमवार को अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद ड्रग मामले में संभावित गिरफ्तारी का सामना करना पड़ रहा है. 

शिरोमणि अकाली दल देखना चाहता है कि अमृतसर ईस्ट की जनता के बीच सिद्धू का क्या कद है. पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने ब्रिकम मजीठिया की उम्मीदवारी का ऐलान करते हुए कहा था, ‘नवजोत सिद्धू का अहंकार ही उनका नाश करेगा. वह जनता के बीच अपना समर्थन जताते रहे हैं. लेकिन अब उनके समर्थन की परीक्षा ‘माझा दा शेर’ के साथ उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र में होगी.’

ब्रिकम मजीठिया दो सीटों से लड़ रहे

ब्रिकम मजीठिया पंजाब विधानसभा चुनाव में दो सीटों से किस्मत आजमा रहे हैं. वह अमृतसर ईस्ट से तो लड़ ही रहे हैं साथ ही अपनी पुरानी सीट मजीठा से भी मैदान में उतरे हैं. मजीठिया इस सीट से लगातार 3 बार विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं. 

आज तक कोई चुनाव नहीं हारे हैं सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू साल 2004 में राजनीति में आए और छा गए. उन्होंने अमृतसर से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के आर एल भाटिया को 90 हजार वोटों से शिकस्त दी थी. 2009 के लोकसभा चुनाव में वह दोबारा जीते, लेकिन 2014 में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया. हालांकि पार्टी ने राज्यसभा के रास्ते उन्हें संसद भेजा. 

सिद्धू 2017 में कांग्रेस से जुड़े. और अमृतसर ईस्ट से विधानसभा चुनाव लड़ा.  उन्हें 60 हजार 477 वोट मिले थे. उन्होंने अकाली-बीजेपी गठबंधन के उम्मीदवार राजेश कुमार हनी को 42 हजार 809 वोटों से हराया. हनी को सिर्फ 17,668 वोट हासिल हुए थे. तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के सर्बजोत धंजल रहे थे, जिन्हें 14 हजार 715 वोट मिले थे. यानी पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू आज तक कोई चुनाव नहीं हारे. 

जो जीता उसका सियासी कद बढ़ जाएगा

इतना जरूर है कि जो भी अमृतसर ईस्ट से चुनाव जीता, पार्टी और पंजाब की राजनीति में उस नेता का सियासी कद बढ़ जाएगा. बिक्रम मजीठिया का मुकाबले में उतरना नवजोत सिद्धू के लिए बड़ा खतरा है.  सिद्धू सिर्फ इसी अमृतसर ईस्ट से चुनाव लड़ रहे हैं. सिद्धू हारे तो उनके सियासी जीवन के लिए बड़ा संकट होगा. सिद्धू लगातार CM चेहरे के लिए दावेदारी ठोक रहे हैं. अगर उन्हें किसी तरह से हार मिली तो उनका यह दावा भी खत्म हो जाएगा.

बिक्रम मजीठिया अमृतसर ईस्ट से लड़ेंगे तो अकाली दल यहां पूरा फोकस करेगा, जिसके चलते सिद्धू को पंजाब में चुनाव जितवाने के साथ अपनी सीट पर भी फोकस करना होगा. 

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