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Punjab Election: पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर पार्टी आलाकमान जो फैसला लेगा, उसे माना जाएगा. एबीपी न्यूज से खास इंटरव्यू में उन्होंने यह बात कही. अमृतसर पूर्व से कांग्रेस प्रत्याशी नवजोत सिद्धू ने इस सीट पर चुनाव प्रचार करते हुए कहा कि मजीठिया ने सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ा था और वे सिद्धू से डरते हैं. सिद्धू ने सब कुछ सहा है और शहर के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया है. मजीठिया को तस्करों के फैसले मिलते थे और वह एक पीढ़ी को तबाह करने वाले शख्स हैं.
सिद्धू ने कहा कि पिछले पांच साल में माफिया खत्म नहीं हुआ क्योंकि कप्तान खुद माफिया थे और लगातार हिस्सा लेते रहे और इसलिए कप्तान को निकाल दिया गया. उन्होंने कहा कि सिद्धू की 17 साल की राजनीति पर कोई उंगली नहीं उठा सकता. सिद्धू ने कहा कि पहले 60 विधायक चुने जाएं और फिर सीएम की बात करें. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस आलाकमान बहुत समझदार है और आलाकमान जो भी फैसला करेगा, मैं उसे स्वीकार करूंगा. चन्नी के भतीजे की गिरफ्तारी पर सिद्धू ने कहा कि जब तक कोई दोषी नहीं होगा, उसे दोषी नहीं ठहराया जा सकता.
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इससे पहले गुरुवार को नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी ने कहा था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा और उनके पति हमेशा की तरह एक हीरो बने रहेंगे.
नवजोत कौर सिद्धू ने कहा था, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा, नवजोत सिंह सिद्धू एक हीरो हैं और वह हमेशा यही रहेंगे. जो भी मुख्यमंत्री होता है, उसे अपने मंत्रियों की बात सुननी चाहिए, मंत्रियों की फाइल पर हस्ताक्षर करने चाहिए और मंत्रियों को अपना काम करने देना चाहिए. अगर अमरिंदर सिंह ने ऐसा किया होता तो किसी को भी किसी मुख्यमंत्री से कोई दिक्कत नहीं होती.”
सिद्धू की पत्नी की यह टिप्पणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी के छह फरवरी के लुधियाना दौरे से पहले आई है, जहां वह पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा कर सकते हैं. राहुल छह फरवरी को लुधियाना में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये एक रैली को संबोधित करेंगे.
गौरतलब है कि 27 जनवरी को जालंधर में राहुल ने घोषणा की थी कि कांग्रेस पंजाब विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरा के साथ उतरेगी और इस पर निर्णय पार्टी कार्यकर्ताओं से परामर्श करने के बाद ही लिया जाएगा.
पिछले कई हफ्तों के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खुद को पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने की कोशिश की है.
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