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यूपी में दूसरे चरण के चुनाव में मुस्लिम वोटर्स की क्या है भूमिका? 9 जिलों में कितना मायने रखता

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UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण के लिए वोटिंग जारी है. प्रदेश के 9 जिलों की 55 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. दूसरे चरण के चुनाव में अलग-अलग पार्टियों के उम्मीदवारों के बीच अधिक-से अधिक वोट पाने की कड़ी चुनौती है. उत्तर प्रदेश के पहले चरण में किसान आंदोलन की चुनौती झेलने के बाद अब बीजेपी और उनके सहयोगियों के सामने दूसरे चरण में नई चुनौती है. मुरादाबाद (Moradabad), शाहजहांपुर, सहारनपुर, बिजनौर, संभल, रामपुर और बदायूं, अमरोहा और बरेली में वोट डाले जा रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि दूसरे चरण में जिन 9 जिलों में वोटिंग हो रही है वहां मुस्लिम वोटर्स (Muslim Voters) काफी अहम भूमिका निभा सकते हैं. इन जिलों की करीब 40 सीटों पर 30 से लेकर 55 फीसदी तक मुस्लिम वोटर्स हैं. 

दूसरे चरण में मुस्लिम वोटर्स की अहम भूमिका

सहारनपुर (Saharanpur), बिजनौर, संभल, रामपुर, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, अमरोहा और मुरादाबाद में मुस्लिम आबादी (Muslim Population) काफी अधिक है. कुछ जिलों में 30 फीसदी से 50 फीसदी तक वोटर्स हैं. यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बीएसपी के सबसे ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार इस चरण में हैं. यूपी चुनाव के दूसरे चरण (Second Phase Polling) में 55 में से करीब 40 सीटों पर मुस्लिम वोटरों की संख्या काफी अधिक मानी जाती है. कुछ जिलों में 55 फीसदी तक मुस्लिम वोटर्स हैं जो अलग-अलग सियासी दलों के उम्मीदवारों के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं. दूसरे चरण में जिन 55 सीटों पर वोटिंग हो रही है उनमें ज्यातर सीटों पर साल 2017 में बीजेपी ने कब्जा जमाया था. चुनाव वाले इन क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है और ओबीसी आबादी की भी अच्छी मौजूदगी.

2017 में समाजवादी पार्टी का क्या रहा प्रदर्शन

2017 में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (SP) इन इलाकों में अच्छा प्रदर्शन किया था. कुल 47 विधायकों में से 15 इसी इलाके के थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी और बीएसपी गठबंधन ने बीजेपी को कड़ी चुनौती दी थी. नौ लोकसभा क्षेत्रों में से बीजेपी 6 सीट हार गई थी. समाजवादी पार्टी बीएसपी ने तीन-तीन सीट जीते थे. दूसरे चरण में 9 जिलों में हो रहे चुनाव में कुल मिलाकर 79 मुस्लिम उम्मीदवार चुनावी दौड़ में हैं. 2017 के विधानसभा चुनावों में बीएसपी और सपा-कांग्रेस गठबंधन ने समुदाय को सक्रिय रूप से लुभाने के साथ इस क्षेत्र में मुस्लिम वोटों को विभाजित किया. इस विभाजन ने बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर और अमरोहा जैसे जिलों में अहम सीटों पर बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने में मदद मिली थी.

2017 में बीजेपी ने 55 में से 38 सीटें जीतीं थी

आंकड़ों के हिसाब से देखें तो मुस्लिम और दलित बाहुल्य वाले इन इलाकों में 55 सीटों में से बीजेपी (BJP) ने 2017 में 38 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 15 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा जमाया था जबकि दो पर कांग्रेस उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी. समाजवादी पार्टी ने जिन 15 सीटों पर जीत दर्ज की थी उनमें से 10 मुस्लिम उम्मीदवार जीत हासिल कर विधानसभा पहुंच थे. करीब 35 फीसदी मुस्लिम वोटों की कुल आबादी वाले अमरोहा जिले में बीजेपी ने चार में से तीन सीटें जीती थीं. बिजनौर में उसने 6 सीटें जीती थीं. मुरादाबाद में दो पर जीत हासिल हुई थी. उसने संभल और रामपुर में दो-दो सीटें जीतीं. इन सभी जिलों में 30 से 44 फीसदी तक मुस्लिम आबादी है. रामपुर में 5 सीटों पर मुस्लिम वोटर्स का प्रभाव अधिक है. इन सीटों पर 30 से लकेर करीब 55 फीसदी तक मुस्लिम वोटर्स हैं.

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