वॉशिंगटन, भारत-अमेरिका की दोस्ती भले ही नए आयाम कायम कर रही हो लेकिन ट्रंप प्रशासन ने एक कड़ा कदम उठाते हुए अपने नागरिकों को भारत न आने की सलाह दी है। अमेरिका ने इस एडवाइजरी के लिए स्पष्ट वजह नहीं बताई है लेकिन इस तरह की सलाह सिर्फ आतंकवाद, गृहयुद्ध, संगठित अपराध और महामारी जैसे कारणों से ही दी जाती है। अमेरिका ने भारत की यात्रा के लिए रेटिंग 4 निर्धारित की है, जिसे सबसे खराब माना जाता है। इसी रेटिंग में अमेरिका ने युद्धग्रस्त सीरिया, आतंकवाद के केंद्र पाकिस्तान, ईरान, इराक और यमन जैसे देशों को रखा हुआ है।
भारत के लिए इस एडवाइजरी का कारण बढ़ते कोरोना के केस बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है के इसी के मद्देनजऱ ट्रंप प्रशासन ने नागरिकों को भारत की यात्रा न करने की सलाह दी है।
अमेरिकी एजेंसियों का मानना है की कोरोना के आलावा भारत में अपराध और आतंकवाद में तेजी आई है। इस एडवाइजरी में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और उग्रवाद को भी यात्रा न करने के कारणों में शामिल किया गया है। हालांकि इंडियन टूरिज्म एंड हॉस्पिटलटी संघ (आई टी एच ए) ने भारत सरकार से गुहार लगाई है कि वे अमेरिका सरकार से ट्रेवल एडवाइजरी को बदलने के लिए दबाव डाले।
फेथ ने कहा है कि सरकार इसे प्राथमिकता के आधार पर उठाए ताकि देश के बारे में बन रही नकारात्मक छवि को रोका जा सके। संगठन ने कहा कि इस समय पर्यटन उद्योग कोरोना महामारी की वजह से गंभीर संकट से गुजर रहा है और जल्द ही भारत में यह उद्योग फिर से अपने आपको शुरू करने जा रहा है। 23 अगस्त को जारी इस ट्रेवेल एडवाइजरी में भारत के अलावा पाकिस्तान, सीरिया, यमन, ईरान और इराक जैसे हिंसा प्रभावित देशों को शामिल किया गया है।
संगठन के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के रिश्ते इतने अच्छे होने के बावजूद इस तरह का कदम समझ से बाहर है। इस एडवाइजरी में चेतावनी दी गई है की भारत कोरोना के मामले बढऩे पर एयरपोर्ट और देश की सीमा को बंद कर सकता है ऐसे में फिलहाल वहां जाने से परहेज करें। अमेरिका के विदेश विभाग ने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और भारत-पाकिस्तान सीमा पर नहीं जाने के लिए चेतावनी जारी की है।