नई दिल्ली: गूगल (Google) ने सर डॉनल्ड जॉर्ज ब्रैडमैन (Sir Donald George Bradman) की 110वीं जयंती पर डूडल (Doodle) बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. गूगल (Google) ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लेजेंडरी खिलाड़ी Sir Donald George Bradman के खेल जीवन से जुड़े कई दिलचस्प किस्से हैं और बचपन की उनकी एक कसम ने ही उन्हें क्रिकेट की दुनिया का बेताज बादशाह बना दिया. उस समय सर डॉनल्ड जॉर्ज ब्रैडमैन (Sir Donald George Bradman) की उम्र 13 साल रही होगी और वे मैदान पर स्कोरर हुआ करते थे. उन्हें क्रिकेट खेलना शुरू किया और ठीक-ठाक रन भी बनाए. 1920 में उनके पिता एशेज का मैच दिखाने उन्हें सिडनी क्रिकेट ग्राउंड ले गए. उस दिन ब्रैडमैन ने एक ख्वाब देखा और उन्होंने कसम खाई कि ‘जब तक मैं इस क्रिकेट मैदान पर खेल नहीं लूंगा, तब तक चैन से नहीं बैठूंगा.’ सर डॉनल्ड जॉर्ज ब्रैडमैन ने 1922 में स्कूल छोड़ दिया था और यही नहीं उन्होंने दो साल तक टेनिस के चक्कर में क्रिकेट को अलविदा भी कह दिया था. लेकिन 1925-26 में वे क्रिकेट की ओर फिर लौटे. भारतीय क्रिकेट के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपने Twitter एकाउंट पर सर डॉन ब्रैडमैन को याद किया है.
सर डॉनल्ड जॉर्ज ब्रैडमैन (Sir Donald George Bradman) का जन्म 27 अगस्त, 1908 में ऑस्ट्रेलिया में हुआ था, और क्रिकेट की दुनिया में वे खौफ बनकर आए थे. जब वे बल्लेबाजी करते थे तो गेंदबाजों के पसीने छूट जाते थे. ब्रैडैमैन का निधन 25 फरवरी, 2001 में हुआ था, और सचिन तेंडुलकर (Sachin Tendulkar) को लेकर उनका खास लगाव था. बॉलीवुड ने क्रिकेट को लेकर कई फिल्मों का निर्माण किया है. सर डॉनल्ड जॉर्ज ब्रैडमैन की जयंती पर कुछ ऐसी ही फिल्में…
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एम एस धोनी की जिंदगी पर बनी यह बायोपिक काफी चर्चित रही. फिल्म में धोनी का किरदार सुशांत सिंह राजपूत ने निभाया. इसमें धोनी के बचपन से क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने के सफर को दिखाया गया है.
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की लाइफ पर बनी यह डॉक्यूमेंट्री-ड्रामा बायोपिक साल 2017 में रिलीज हुई. इसका निर्देशन जेम्स एर्स्किन ने किया था.
क्रिकेट की बेहतरीन फिल्मों में से एक आमिर खान स्टारर ‘लगान’ है. आशुतोष गोवारिकर के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अंग्रेजों के शासन में लगान से बचने की कहानी को दिखाया गया है. साल 2011 में आई इस फिल्म में भुवन (आमिर खान) लगान से बचने के लिए अपने गावं वालों के साथ मिलकर क्रिकेट टीम बनाता है. अंग्रेजों के इस खेल में वह उन्हें न सिर्फ हराता है, बल्कि अपने गांव का लगान भी माफ कराता है.
चेतन भगन के नॉवल ‘थ्री मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ’ में सुशांत सिंह राजपूत ने क्रिकेट के दीवाने का किरदार निभाया. अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर वह विपरीत परिस्थितियों में दूसरे धर्म के लड़के को भारतीय क्रिकेट टीम में दाखिला दिलाने में कामयाब होता है.
साल 2005 में आई ‘इकबाल’ को अपने बेहतरीन कंटेंट के लिए काफी सराहा गया. फिल्म की कहानी एक गूंगे और बहरे लड़के (श्रेयस तलपदे) पर आधारित है, जो अपने गुरू (नसीरुद्दीन शाह) की मदद से क्रिकेट के मैदान में दम दिखाता है.