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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्वाइन फ्लू का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेशभर में अब तक कुल 1015 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई है। वहीं राजधानी लखनऊ में छह नये मरीजों समेत स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या 21 पहुंच गयी है। लखनऊ में दो मरीज वेंटिलेटर पर हैं, जबकि अन्य मरीजों का इलाज उनके घर पर ही चल रहा है। वहीं सबसे ज्यादा 44 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि गाजियाबाद जनपद में हुई है। स्वाइन फ्लू के मरीजों की बढ़ी संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि अधिकांश स्वाइन फ्लू के मरीज सामान्य हैं। वह घर पर रहकर दवा ले रहे हैं। लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल ने बुधवार को बताया कि पीजीआई और केजीएमयू रिपोर्ट के आधार पर छह मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इसमें जानकीपुरम की महिला का इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताते हुए उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया है। साथ ही प्रयागराज के रहने वाले युवक को भी पीजीआई में वेंटिलेटर पर रखा गया है। वहीं अन्य मरीजों का इलाज उनके घर पर ही चल रहा है। अब तक स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या 21 तक पहुंच गई है। सीएमओ ने कहा कि लखनऊ में बाहर से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं इसलिए उनकी संख्या भी लखनऊ में जुड़ जाती है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि स्वाइन के फ्लू के मरीजों के मामले सामने आने के बाद शासन की ओर से अस्पतालों में मरीजों के लिए फीवर क्लिनिक चलाने का निर्देश दिया गया था। इसके लिए सभी अस्पतालों में 10-10 बेड के साथ अलग ओपीडी भी बनवाई गई है। वहीं बलरामपुर, लोहिया, बीआरडी सहित सभी सरकारी अस्पतालों में जल्द ओपीडी शुरू होगी।
उधर स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. पदमाकर सिंह ने बताया कि स्वाइन फ्लू के मामलों को देखते हुए अस्पतालों में फीवर क्लिनिक जल्द शुरू करवाया जाएगा। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होगी। अस्पतालों में फीवर क्लीनिक की स्थिति क्या है। इसकी भी जांच कराई जायेगी।