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मुंबई ,1 फरवरी से लागू होने जा रहे डीटीएच, केबल नियमों पर दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को देश की दो हाईकोर्ट से झटका मिला है। इससे फिलहाल टीवी दर्शकों को राहत मिल गई है। हालांकि इस मामले पर आज सुनवाई होनी है।
कलकत्ता, बॉम्बे हाईकोर्ट में मामला
देश के दो प्रमुख हाईकोर्ट- कलकत्ता और बॉम्बे ने दो ट्राई के फैसले पर रोक लगा दी है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता के 80 केबल ऑपरेटर्स की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरिंदम सिन्हा की पीठ ने ने समय सीमा को 18 फरवरी तक टाल दिया है।
अतिरिक्त महाधिवक्ता कौशिक चंदा ने ट्राई का पक्ष रखते हुए कहा कि एलसीओ और बहु प्रणाली ऑपरेटरों (एमएसओ) के पास आपसी सहमति से या ट्राई द्वारा तय प्रावधानों के तहत राजस्व साझा करने का करार करने का विकल्प है।
उन्होंने कहा कि राजस्व साझा करने के प्रावधानों के तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि एमएसओ को 55 फीसदी से अधिक और एलसीओ को 45 फीसदी से कम हिस्सेदारी नहीं मिले। हालांकि, स्थानीय केबल ऑपरेटरों का दावा है कि राजस्व साझा करने के जो प्रावधान किए गए हैं वह बहुप्रणाली ऑपरेटरों के पक्ष में हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका
बॉम्बे हाईकोर्ट में पुणे केबल ऑपरेटर्स संघ द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ट्राई के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी को जमा करने के लिए कहा है।
शुक्रवार से लागू होने थे नए नियम
केबल टीवी और डीटीएच पर ट्राई के नए नियम शुक्रवार से लागू होने थे। इसके अनुसार हर ब्रॉडकास्टर ने अपने चैनलों का अलग से बुके तैयार किया है। इनमें पे और एचडी चैनल भी शामिल हैं। स्टार प्लस, सोनी, जी, एंड टीवी, कलर्स आदि चैनल पे कैटेगिरी में आते हैं। अगर आप एसडी के साथ एचडी चैनल देखना चाहते हैं तो फिर उनका पैसा अलग से देना होगा।
ट्राई प्रमुख आरएस शर्मा ने कहा कि नई प्रसारण व्यवस्था में जाने की 1 फरवरी की समय-सीमा में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने डीटीएच ऑपरेटरों से कहा कि यदि ग्राहक चाहते हैं तो पहले से लिए गए लंबी अवधि की मौजूदा प्री-पेड पैक को तय अवधि तक जारी रखा जाना चाहिए। इसका मतलब है कि यदि कोई ग्राहक ने एक साल की अवधि का प्लान ले रखा है तो इस प्लान के समाप्त होने के बाद ही उसे नए नियमों के तहत अपना पैक चुनना होगा।