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लखनऊ, आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रही हैं,दुख की इस घड़ी में अगर कुछ पल खुशी के मिल जाए तो मानो जन्नत मिल गई।जी हां आज हम आपको ऐसी ही एक रोचक खबर बताने जा रहें हैं, जिससे न सिर्फ एक परिवार को कोरोना वायरस की दहशत से मुक्ति मिली बल्कि जीवन जीने की एक आशा भी जगी है।जहां एक तरफ कोरोना संक्रमण का खतरा लोगों के सरों पर मंडरा रहा तो वही लाॅकडाउन से लोग हलाकान नज़र आ रहें हैं,ऐसे में सभी एक पल भर की ही सही पर खुशियाँ तलाश ज़रूर कर रहें हैं।राजधानी के बीरबल सहानी मार्ग स्थित ही एक परिवार को भी कुछ इसी तरह की उम्मीदें थी।कोरोना महामारी में इस परिवार में उस वक्त खुशियाँ बरसी जब उनके घर एक नन्ही परी की आमद हुई।3 अप्रैल 2020 रात्रि 11:53 मिनट पर वीरांगना अवन्ती बाई(डफरिन) महिला चिकित्सालय,गोलागंज में नन्हीं परी ने जन्म लिया।
मोहम्मद साबिर अली एडवोकेट के सबसे छोटे बेटे मोहम्मद सलमान की पत्नी फिज़ा सलमान ने कोरोना महामारी के बीच एक पुत्री को जन्म देकर सभी को इस दुःख की घड़ी में खुश कर दिया।फिज़ा कहती है,कि मेरे लिए डिलीवरी के अंतिम दिन काफी चिंता जनक थे क्योंकि कोरोना संक्रमण की खबरें देख सुन कर मन में बहुत घबराहट होती थी और अस्पताल जाने के नाम से रूह कांप जाती थी कि कहीं बच्चे को इस वायरस की नज़र न लग जाए और ये उनका पहला बच्चा है और अभी पिछले साल ही उनकी शादी हुई थी।फिज़ा बताती है की मेरे पति सलमान इस वक्त सऊदी अरब में है वहां भी कोरोना वायरस फैला है एक तरफ पति की चिंता दूसरी तरफ अपने होने वाले बच्चे की चिंता थी।फिज़ा ने बताया कि बच्ची के जन्म में काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा पर अब अल्लाह का शुक्र है बच्ची और हम दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं।फिज़ा ने खुशी का इज़हार करते हुए बताया कि बच्ची के दादा ने उसका नाम “आयशा” रखा है क्योंकि इसका अर्थ होता ‘राहत और सुकून’ यानि डिलीवरी के लिए अस्पताल में जाना और कोरोना वायरस फैलने का जो खतरा उन्हें और परिवार को था उससे कहीं न कहीं अब पूरी तरह राहत और सुकून मिल चुका है,इसलिए बेटी का नाम आयशा रखा गया है।