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बिल्ली की दवा की एक खुराक ने खत्म किया कोरोना वायरस – जगी उम्मीद की किरण

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पेइचिंग, कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही दुनिया के लिए चीन से एक अच्छी खबर आई है। बिल्लियों में संक्रामक रोग के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा जीसी376 ने प्रयोगशाला में हुए टेस्ट में कोरोना वायरस की बढ़त को रोक दिया। चीनी शोधकर्ताओं का यह दावा ऐसे समय पर आया है, जब इस दवा को बनाने वाली अमेरिका की कंपनी ने यूएस एफडीए के पास इस दवा के इंसानों पर क्लिनिकल ट्रायल के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया है।
इस शोध का नेतृत्व करने वाले प्रफेसर झांग शुयांग ने कंप्यूटर मॉडल और प्रयोगशाला में परीक्षण के आधार पर कहा कि बिल्लियों की दवा जीसी376 का काफी अच्छा असर है और यह सुरक्षित दवा है। यह दवा एसएआरएस-सीओवी-2 वायरस के एक महत्वपूर्ण एंजाइम को बांध देती है जिसकी वजह से कोविड-19 का संक्रमण होता है। इस एंजाइम को एमपीआरओ कहा जाता है।
एमपीआरओ एंजाइम प्रोटीन को तोड़ देता है और वायरस इस एमिनो एसिड का इस्तेमाल ब्लॉक्स बनाने में करता है। एमपीआरओ के बिना कोरोना वायरस अपनी नकल नहीं बना सकता है। चीनी वैज्ञानिकों ने पाया कि यह दवा कोरोना वायरस से संक्रमित कोशिकाओं के अंदर आसानी से घुस सकती है। इस दवा की मात्र एक खुराक से अधिकतम लाभ मिल रहा है। इससे यह दवा इंसानों के लिए काफी सुरक्षित लग रही है।
जीसी376 दवा को अमेरिकी कंपनी एनिविव लाइफसांईस ने तैयार किया है। यह दवा बिल्लियों में संक्रमण के रोकथाम के लिए दी जाती है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना वायरस के मरीजों को यह दवा कब दी जाएगी। कंपनी ने कहा कि वह एफडीए के साथ मिलकर काम कर रही है। प्रफेसर चेन के अध्ययन में पता चला कि कोरोना वायरस खासतौर पर बिल्लियों के लिए खतरनाक है। उन्होंने चेतावनी दी कि बिल्लियों में कोरोना वायरस छिपा रह सकता है और इंसानों में फिर फैल सकता है। कोरोना वायरस से अब तक दुनियाभर में चार लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।

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