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नईदिल्ली, भारत और चीन में खूनी संघर्ष के बाद स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो चुकी है। चीन के साथ गलवान घाटी में हिंसक भिड़ंत में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत ने इस मामले में सख्त रुख अपना लिया है। इस मामले में देर रात हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्यूरिटी (सीसीएस) की बैठक में सेना को साफ तौर पर कहा गया है कि वह ग्राउंड पर हालात को देखते हुए फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है। भारत अपने स्टैंड पर कायम है कि अपनी सीमा में कोई दखलअंदाजी भारत सहन नहीं करेगा।बता दें कि चीनी सेना के साथ संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं। पहले एक अफसर सहित तीन जवानों के शहीद होने की खबर आई थी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद चीन की सीमा से सटे राज्यों में आईटीबीपी के जवानों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में चौकसी बढ़ा दी गई है। उधर सूत्रों के अनुसार यह भी खबर आ रही है कि चीन की सेना के घायल और मारे गए सैनिकों की संख्या भी 43 से अधिक है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरे मामले में नजर बनाए हुए हैं। इस मामले में लगातार बैठकों का दौर जारी है। इस मामले में पल पल की जानकारी ली जा रही है। विदेश मंत्रालय भी चीन के साथ संपर्क में है। दरअसल यह घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सबकुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रह थी। इससे पहले विदेश मंत्रालय ने इस मामले में बयान जारी कर कहा था कि भारत ने हमेशा एलएसी का सम्मान किया और चीन को भी ऐसा करना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि एलएसी पर कल जो हुआ, उससे बचा जा सकता था।