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कान की खुजली मिटाने के घरेलू तरीके, नहीं जाना पड़ेगा डॉक्टर के पास

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कान में खुजली होना, नहाते समय पानी चले जाना या पपड़ी जमने की समस्या होना…ये सब ऐसी दिक्कतें हैं, जो हम सभी के साथ होती हैं। सामान्य दिनों में तो हम कान में दिक्कत होने पर तुरंत ईएनटी स्पेशलिस्ट के पास चले जाते थे। लेकिन लॉकडाउन और कोरोना काल में हॉस्पिटल के बारे में सोचकर भी डर लगता है! ऐसे में कान में इस तरह की समस्या होने पर घरेलू नुस्खों के जरिए कैसे ठीक किया जा सकता है, यहां जानें…
कान की देखभाल करने के घरेलू तरीके
कान में सबसे अधिक दिक्कत नमी यानी मॉइश्चर के कारण होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नहाते वक्त या हर समय जुकाम रहने के कारण हमारे कान की अंदरूनी नसों में मॉइश्चर जमा रहता है। इस कारण वहां फंगस और बैक्टीरिया पनप जाते हैं। जो तेज खुजली करते हैं।
मैल नहीं मोम है वह
-हमें लगता है कि हमारे कान से मैल निकल रहा है। जबकि असर में वह मैल नहीं मोम होता है। वह मोम, जिसे हमारे कानों का मैकेनिज़म अपनी सेफ्टी के लिए खुद ही तैयार करता है।
-अब आपको लग रहा होगा कि यह मोम कान की सेफ्टी कैसे करेगा…जरा सोचकर देखिए, चीटी से लेकर मच्छर तक कितने ही छोटे-मोटे कीट-पतंगे होते हैं, जो हमारे कान में जाकर अंदर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
-ये कीट कान में ना घुस पाएं और अगर घुस भी जाएं तो मोम में चिपककर मर जाएं और अंदर हमारे कान के पर्दे तक ना पहुंचें…इसलिए हमारे कान में यह मोम तैयार होता है। जब यह मोम अधिक हो जाता है या काफी पुराना हो जाता है, तब कान के मैनेनिज़म द्वारा खुद ही इस मोम को बाहर की तरफ धकेल दिया जाता है।
-ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारा शरीर अपनी अंदरूनी सफाई खुद ही करता है। पुराने मोम में गंदगी, नमी, बैक्टीरिया पनपकर कान को नुकसान ना पहुंचा दें, इसलिए प्राकृतिक रूप से हमारा शरीर इस मोम को बाहर फेंकता है और नया मोम बनाता है।
कान को खुजली वाले बैक्टीरिया से बचाने का तरीका
-अगर आपको कान में खुजली की समस्या हो रही है तो बेहतर रहेगा कि आप 1 चम्मच सरसों तेल में एक कली लहसुन और एक चुटकी अजवाइन गर्म कर लें। जब यह मिश्रण ठंडा हो जाए तो इसे छानकर इयर ड्रॉप की तरह कान में डालें और 20 से 25 मिनट तक करवट लेकर लेटे रहें। ताकि तेल अंदर जा सके।
-इस दौरान बेड पर लेटे हुए आप धीमे-धीमें अपना मुंह इस तरह चलाते रहें, जैसे कुछ चबाकर खा रहे हों। ऐसा करने से तेल आपके कान के अंदरूनी हिस्सों तक पहुंचेगा और मसल्स की मसाज भी होगी। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि यदि आपको जुकाम है और इस दौरान कान में खुजली हो रही है तो आपको सरसों के तेल का उपयोग नहीं करना है।
-जुकाम-नजले की स्थिति में कान में सरसों का तेल डालने से कान की सुनने की क्षमता कमजोर हो सकती है। इसलिए इस स्थिति में आपको डॉक्टर से ही परामर्श करना चाहिए। आप किसी आयुर्वेदाचार्य से फोन पर कंसल्ट करके भी अपनी स्थिति के अनुसार कुछ घरेलू नुस्खे जान सकते हैं ताकि आपको तुरंत राहत मिल सके।
-यदि आपके पास कोई भी विकल्प उपलब्ध नहीं है और कान में तेज खुजली हो रही है तो इस स्थिति में आप कोई गर्म पेय पदार्थ लें। यह हल्दी का दूध, हॉट कॉफी या ब्लैक टी जैसा कुछ भी हो सकता है जो तासीर में गर्म हो। इसे फूंक मारकर और घूंट-घूंट करके चाय की तरह पिएं। ऐसा करने से आपके कान की मसल्स की अंदर से सिकाई होगी और आपको तुरंत राहत मिलेगी।
-नहाने से पहले दोनों कानों में रुई यानी कॉटन लगा लें। इससे नहाते समय पानी की बूंदें भी कान में नहीं जा पाएंगी और आपको कान में खुजली होने की संभावना कम हो जाएगी।

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