लखनऊ। गुडम्बा थाना वैसी ही आए दिन बच्चों के गायब होने और रहस्मय हत्याओं पर पर्दा डालने के लिए सुर्खियों में रहता है,लेकिन कल्याणपुर निवासी 19 वर्षीय इरशाद की मौत के मामले में गुडम्बा थाने का नया कारनामा यह है कि अब तक इरशाद की मौत के कारणों को लेकर ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ़ पुलिस ने मुकदमा ही दर्ज़ नहीं किया है।
इरशाद के मामले की पड़ताल के लिए कानून के दरवाज़े खटखटा रहे मोहम्मद मुशीर ने लखनऊ के पुलिस उपायुक्त कार्यालय पहुंच कर फिर उच्चाधिकारियों से इस मामले में न्याय दिलाने की प्रार्थना की है।मौके पर पहुंचे पत्रकारों को पूरे मामले की जानकारी देते हुए मुशीर ने बताया कि पुलिस उपायुक्त कार्यालय द्वारा उन्हें शिकायत नम्बर उपलब्ध करा दिया गया है लेकिन अब तक गुडम्बा थाने से कोई भी अधिकारी अथवा पुलिसकर्मी इरशाद की मौत के मामले की जाँच करने के लिए उसके घर नहीं पहुंचा है।मुशीर ने यह भी बताया कि फांसी के फंदे पर लटके पाए गए इरशाद के पैर ज़मीन पर टिके थे और अगल बगल के कमरों में फर्श पर खून बिखरा था।पतली नायलान की रस्सी से लटके इरशाद के पेट के नीचे हिस्से से लेकर पैंट तक खून जमा था।जिससे इरशाद की हत्या कर मामले को छिपाने के लिए आत्महत्या का रूप दिये जाने की पुष्टि होती है।मुशीर के अनुसार मौके पर पहुंचे पुलिस वालों के साथ न तो फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट आया था न ही पुलिस का फोटोग्राफर मौजूद था।उल्टे पुलिस वालों ने सर्रे शाम हुई इस घटना में सारी कार्यवाही बिना घर की बत्तियां जलाए अनन-फनन में निपटा दी।और आज तक वह इस पूरे मामले की कानूनी तफ्तीश के लिए थानों के चक्कर लगे रहे है।
इस मामले में गुडम्बा पुलिस की कारगुज़ारी इसी से समझी जा सकती है कि परिवार जनों द्वारा मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों को लिखित तहरीर देने के बाद भी आज तक इतने गम्भीर मामले में मुकदमे का अता-पता नहीं है और प्राथमीकि दर्ज़ किए बिना ही गुडम्बा पुलिस ने इरशाद के शव का पोस्टमार्टम भी करवा दिया है जिसकी रिपोर्ट भी आज तक घर वालों को पुलिस ने नहीं दी है ऐसे में पूरा गुडम्बा पुलिस थाना खुद इस मामले को दबाने की कोशिश में नज़र आता है।मुशीर ने लखनऊ के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर नवीर अरोड़ा से मिलकर उनके सामने पूरे घटनाक्रम की जानकारी रखने की मंशा ज़ाहिर की है।
[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]