क्रिकेट में ‘बायो-बबल’ अब जल्द ही भूतकाल ही बात हो सकती है. एक रिपोर्ट में सामने आया है कि BCCI ने इस महीने से शुरू हो रहे दो घरेलू टूर्नामेंट में क्रिकेटरों की बबल लाइफ खत्म करने का फैसला किया है. अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफी और सीनियर वुंमस टी-20 ट्रॉफी में यह प्रयोग किया जाएगा.
TOI की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि इन घरेलू टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही टीमों को बता दिया गया है कि टूर्नामेंट में शामिल होने से पहले खिलाड़ियों को किसी तरह के क्वारंटीन में रहने की जरूरत नहीं है. यह कोविड-19 के शुरू होने के बाद से पहला मौका होगा जब भारत में बिना क्वारंटीन और बायो-बबल के टीमें टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगी. हालांकि इस दौरान नियमित रूप से RTPCR टेस्ट होंगे ताकि संक्रमण के खतरे को भांपा जा सके. रिपोर्ट के मुताबिक, टीमें अपने मुकाबले से तीन दिन पहले वेन्यू पर इकट्ठी हो सकती हैं और अगले ही दिन अभ्यास शुरू कर सकती हैं.
गौरतलब है कि अप्रैल 2020 के मुकाबले इस अप्रैल में कोरोना के मामले न के बराबर हैं. देश में रोजाना मिलने वाले कोरोना केसों की संख्या बहुत कम हो चुकी है. ऐसे में BCCI ने खिलाड़ियों में बायो-बबल से होने वाली थकान और तनाव को कम करने के लिए यह प्रयोग शुरू करने का फैसला लिया है. हालांकि टीमों से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सतर्कता बरतने की अपेक्षा की जाती रहेगी. इसके तहत टीमें होटल के एक हिस्से में रहेंगीं और खिलाड़ियों को बाहर व्यक्तियों से न मिलने की अपेक्षा की जाएगी.
इसके साथ ही BCCI इन टूर्नामेंटों के वेन्यू भी सीमित ही रखेगा ताकि यात्रा के दौरान कोरोना संक्रमण के खतरे से बचा जा सके. यह भी हो सकता है कि 18 सदस्यीय टीम की जगह 15 सदस्यीय टीम की सीमा ही रखी जाए.
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