रूस और यूक्रेन की जंग का आज 42वां दिन है. रूस की मिसाइलों, बमों और लड़ाकू विमानों ने कई शहरों को तबाह कर दिया है. आबोहवा में बारूद की दुर्गंध साफ महसूस की जा रही है. डर के साए में जिंदगी चल रही है. कब, कहां से कौन सा बम, कौन सा गोला गिर जाए और सांसों की डोर टूट जाए, कोई नहीं जानता. बीते कुछ दिनों से रूस के हमलों में तेजी आई है.
यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में मंगलवार रात 27 बार बमबारी की गई. जबकि होस्टोमेल और बूचा में रूस की बर्बरता की तस्वीरें अपनी कहानियां खुद बयां कर रही हैं. रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि होस्टोमेल में 400 नागरिक लापता हैं. जबकि बताया जा रहा है कि बूचा में रूस के सैनिकों ने 300 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है. खारकीव में भी लगातार बम गिर रहे हैं.
यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा है कि कीव के पास के एक गांव में 5 नागरिकों के शव मिले हैं, जिनके हाथ बंधे हुए थे. इसमें मेयर, उनके पति और बेटा भी शामिल था. यूक्रेन के प्रॉसिक्युटर जनरल इरीना वेनेडिक्टोवा ने ट्विटर पर कहा कि बूचा में 5 लोगों को रूस की सेना ने टॉर्चर किया और जान से मार दिया. इनके शव चिल्ड्रन हेल्थ रिजॉर्ट के बेसमेंट में मिले थे. चर्च के पास एक बड़ा कब्रगाह भी मिल चुका है.
भारत समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी रूस के नरसंहार की जमकर आलोचना की है. पश्चिमी देश रूस पर अधिक प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जंग को एक महीने से ज्यादा हो चुका है, सैकड़ों नागरिक, मासूम बच्चे मारे जा चुके हैं या घायल हैं तो जंग आखिर खड़ी किस मोड़ पर है. लेकिन पहले कुछ आंकड़े जान लीजिए.
यूक्रेन लगातार दे रहा रूसी नुकसान के आंकड़े
हर दिन यूक्रेन के विदेश मंत्रालय की ओर से ट्वीट कर बताया जाता है कि उसने अब तक कितना नुकसान रूस को पहुंचाया है. 6 अप्रैल को यूक्रेन ने बताया कि उसने अब तक यूक्रेन के 18600 सैनिक मार गिराए हैं, 150 एयरक्राफ्ट, 135 हेलिकॉप्टर्स, 684 टैंक्स, 76 फ्यूल टैंक्स तबाह कर दिए हैं.
यूक्रेन की ओर से 332 आर्टिलरी सिस्टम, 96 यूएवी, 25 विशेष उपकरण, 107 एमएलआरएस, 7 बोट और 55 एंटी एयरक्राफ्ट वॉरफेयर सिस्टम भी नेस्तनाबूद करने का दावा किया गया है. यूएन ने कहा है कि जबसे युद्ध शुरू हुआ है, तबसे लेकर अब तक 42 लाख यूक्रेनी नागरिकों ने देश छोड़ दिया है.
पुतिन के साथ शायद बैठक ना हो-जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि शायद उनकी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक ना हो. उन्होंने कहा, बूचा में भयानक हादसों को देखने के बावजूद रूस के साथ बातचीत करना जरूरी है. जेलेंस्की ने कहा, “बस कहने के लिए, चलो आज कुछ भी बात नहीं करते हैं – यह सबसे आसान स्थिति है. सबसे कठिन बात यह है कि उन्होंने क्या किया, उन्हें एक दुश्मन के रूप में पहचानें और साथ ही मिलने का अवसर खोजें. इस तरह की बैठक से कोई रास्ता खोजें और उसी दौरान कोई क्षेत्र भी नहीं खोना है. ”
अमेरिका के एनएसए ने कहा था-महीनों तक चल सकती है जंग
बीते दिनों अमेरिका के एनएसए जेक सुलिवन ने दावा किया था कि रूस के यूक्रेन पर हमले का अगला चरण कई महीनों तक चल सकता है क्योंकि अब कीव से निकलकर रूसी सेनाएं पूर्वी हिस्सों पर निशाना साध रही हैं. उन्होंने कहा था कि रूस अपनी युद्ध नीतियां बदल रहा है और वह पूरे देश पर हमला करने के बजाय, उत्तरी यूक्रेन से पूर्वी हिस्से में डोनबास क्षेत्र में सैनिकों को फिर से तैनात करेगा.
उन्होंने आगे दावा करते हुए कहा था कि रूसी सेना दर्जनों अतिरिक्त बटालियन सामरिक सैनिकों के साथ कीव से बेलारूस के लिए पीछे हट जाएगी, जिसमें यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में फ्रंट लाइन पर 10 हज़ार सैनिकों को तैनात किया जाएगा.
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