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किदांबी श्रीकांत ने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में रचा इतिहास, सिल्वर मेडल जीता

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BWF World Championships: किदांबी श्रीकांत (Kidambi Srikanth) का बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप (BWF World Championships) में शानदार सफर रविवार को यहां सिंगापुर के लोह कीन यू से पुरुष एकल के फाइनल में सीधे गेम में हारने के बाद रजत पदक (Silver Medal) के साथ समाप्त हुआ. विश्व के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी श्रीकांत 43 मिनट तक मुकाबले को 15-21, 20-22 से हार गए. श्रीकांत ने इस तरह प्रकाश पादुकोण (1983 में कांस्य), बी साई प्रणीत (2019 में कांस्य) और लक्ष्य सेन (मौजूदा सत्र में कांस्य) के रिकॉर्ड से बेहतर प्रदर्शन किया. इस 28 साल के खिलाड़ी ने शनिवार को लक्ष्य को सेमीफाइनल में हराया था.

विश्व चैम्पियनशिप में रजत ने श्रीकांत को पी वी सिंधू और साइना नेहवाल की श्रेणी में पहुंचा दिया, जो अतीत में उपविजेता रही थीं. सिंधू ने 2019 में स्वर्ण जीतने के अलावा इस टूर्नामेंट में दो रजत और दो कांस्य जीते है, जबकि साइना ने 2015 जकार्ता में रजत और 2017 ग्लासगो में कांस्य पदक जीता था. यह भी पहली बार है कि भारत ने विश्व चैंपियनशिप में पुरुष एकल में दो पदक जीते हैं.

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फाइनल में हार के बावजूद, यह श्रीकांत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो 2017 में चार सुपर सीरीज खिताब जीतने के बाद फ्रेंच ओपन फाइनल के दौरान अपने घुटने में चोट लगने के बाद से फिटनेस और लय हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे थे. इंडिया ओपन (2019) के बाद से अपना पहला फाइनल खेलते हुए, 12वीं वरीयता प्राप्त श्रीकांत ने शुरुआत में ही लोह को कड़ी टक्कर दी और उन पर दबाव बनाया. विश्व रैंकिंग में 14वें स्थान पर काबिज श्रीकांत ने पहले गेम में 9-3 की बड़ी बढ़त हासिल कर ली लेकिन सिंगापुर के खिलाड़ी ने उनकी बढ़त को घटा कर 11-11 कर दिया.

विश्व रैंकिंग में 22वें स्थान पर काबिज इस खिलाड़ी ने इसके बाद अपनी बढ़त को 17-13 किया और फिर पहला गेम अपने नाम कर लिया. दूसरे गेम में दोनों के बीच काफी करीबी मुकाबला हुआ. स्कोर एक समय 4-4 की बराबरी पर था लेकिन श्रीकांत ने शानदार खेल के दम पर इसे 7-4 कर दिया. भारतीय खिलाड़ी ने एक बार फिर से असहज गलतियां की, जिससे स्कोर 9-9 और फिर लोह के पक्ष में 11-9 हो गया.

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श्रीकांत ने शानदार बैकहैंड फ्लिक लगाने  के बाद म मैच की सबसे लंबी रैली अपने नाम कर 16-14 की बढ़त हासिल की. उन्होंने इस बढ़त को 18-16 किया, लेकिन लोह ने उनके शरीर पर शानदार स्मैश लगाया जिसके बाद भारतीय खिलाड़ी 18-19 से पिछड़ गया. इसके बाद एक और तेज-तर्रार रैली में लोह श्रीकांत पर भारी पड़े जिससे उन्हें दो मैच प्वाइंट मिल गया.

श्रीकांत ने नेट पर शानदार खेल के दम पर दोनों मैच प्वाइंट का बचाव किया, लेकिन लोह ने शटल को बैकलाइन के पास मार कर मैच अपने नाम कर लिया. लोह इस प्रकार विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाले अपने देश के पहले खिलाड़ी बन गये. लोह ओलंपिक के बाद से शानदार लय में है. उन्होंने इस दौरान डच ओपन, हायलो ओपन में जीत दर्ज की, जबकि इंडोनेशिया ओपन सुपर 1000 में उपविजेता रहे.

 

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