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<p style="text-align: justify;">वाराणसी के मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम अब बदल गया है. नाम बदलकर अब बनारस स्टेशन रखा गया है. मंडुआडीह स्टेशन को पुरातन स्टेशन के तौर पर जाना जाता है. अब इस स्टेशन को नई पहचान मिली है. बनारस स्टेशन के नाम से अब ये स्टेशन जाना जाएगा. प्लेटफॉर्म पर नए नाम का बोर्ड भी लगा दिया गया है. बोर्ड में स्टेशन का नाम हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी और उर्दू में लिखा गया है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>एयरपोर्ट की तर्ज पर हुआ स्टेशन का विस्तार</strong><br />पहले जो स्टेशन मात्र तीन प्लेटफार्म का था वहां आज आठ प्लेटफार्म बन गए हैं. स्टेशन पर यात्रियों के बैठने की सुविधा है. स्वच्छता के भी बखूबी इंतजाम किए गए हैं. स्टेशन को देखकर तो यही लगता है कि जैसे किसी एयरपोर्ट पर खड़े हों.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>2015 से स्टेशन का नाम बदलने की मांग उठी</strong><br />मंडुआडीह स्टेशन का नाम बदलने की मांग वर्ष 2015 से हो रही है. सोशल मीडिया पर स्टेशन का नाम बदलने की मुहिम शुरू हुई थी. बताया जा राह है कि अगस्त 2020 में इसका नोटिफिकेशन आया था. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी आये तब इस स्टेशन के बोर्ड पर नाम संस्कृत में भी अंकित किया गया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बीजेपी शासन में हुआ स्टेशन का विस्तार</strong><br />जब वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से सांसद बने तब स्टेशन का वर्ल्ड क्लास विस्तार शुरू हुआ. आज स्टेशन का नाम बदल गया है. यात्रियों की माने तो अब इसे जानने में आसानी होगी.</p>
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