उत्तर प्रदेश

Tokyo Paralympics में नोएडा के डीएम सुहास एलवाई और वरुण भाटी से हैं उम्मीदें 

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Tokyo Paralympic: टोक्यो में 24 अगस्त से पैरा ओलम्पिक का आगाज हो रहा है जिसमें गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई बैडमिंटन में और हाई जंपर में वरुण भाटी नेतृत्व कर भारत की शान बढ़ाएंगे. दोनों खिलाड़ियों ने पहले भी कई कीर्तिमान हासिल किए हैं इसलिए देश की जनता को इन दोनों खिलाड़ियों से काफी ज्यादा उम्मीदें हैं. 

बेहतर खिलाड़ी हैं सुहास एलवाई
अगर बात करें 2007 बैच के आईएएस सुहास एलवाई की तो वो पैरा बैडमिंटन सिंगल्स में दुनिया के दूसरे सबसे बेहतर खिलाड़ी हैं. जिन्होंने कई ऐसे कारनामे कर दिखाए हैं जिसकी उम्मीद खुद उन्हें भी नहीं थी. यही वजह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केी गुड बुक में सुहास एलवाई का नाम शामिल है.  

कई पदक किए अपने नाम 
बता दें कि, सुहास एलवाई ने 2018 में हुए एशियन पैरा गेम्स में कांस्य पदक भी जीता था. वहीं, 2017 में टोक्यो में हुए जापान ओपन पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में उपविजेता रहे थे, जबकि युगल एसएल-4 वर्ग में कांस्य पदक जीता था. सुहास बैडमिंटन के तेज-तर्रार खिलाड़ी हैं. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने खासी कामयाबी हासिल की है. 2016 में चीन में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में पुरुषों के एकल स्पर्धा में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था.

2007 बैच के हैं आईएएस अधिकारी 
सुहास लालिनाकेरे यतिराज (सुहास एलवाई) को बीडब्ल्यूएफ (बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन) के जरिए पैरा ओलंपिक के लिए बैडमिंटन के खेल में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया है. BWF ने विश्व रैंकिंग और प्रदर्शन के आधार पर BAI और PCI India को आमंत्रण भेजा है. सुहास एलवाई जिला कलेक्टर गौतम बुध नगर हैं और 2007 बैच के आईएएस अधिकारी भी हैं. 

खेलों में है दिलचस्पी
2007 बैच के आईएएस सुहास एलवाई मूलरूप से कर्नाटक के शिमोगा के रहने वाले हैं. गौतम बुद्ध नगर से पहले प्रयागराज, आजमगढ़, जौनपुर, सोनभद्र, महाराजगंज, हाथरस जैसे जिलों के जिला अधिकारी रह चुके हैं. सुहास एलवाई ने कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और 2007 में सिविल परीक्षा पास करने के बाद आईएएस के लिए चुने गए. सुहास एलवाई प्रशासनिक जिम्मेदारियों को निभाने के साथ-साथ स्पोर्ट्स में भी काफी दिलचस्पी रखते है. 

एथलीट वरुण भाटी से भी है उम्मीदें  
अगर हम गौतम बुद्ध नगर के जमालपुर निवासी  एथलीट वरुण भाटी की बात करें तो इनसे भी देश और प्रदेश की जनता को काफी उम्मीदें हैं. क्योंकि, वरुण भाटी 2016 में हुए पैरालंपिक में देश को ब्रॉन्ज मेडल दिलाने के साथ-साथ प्रदेश के एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो लगातार दूसरी बार पैरालंपिक में यूपी से भाग ले रहे हैं. 

मिल चुके हैं पुरस्कार
एथलीट वरुण भाटी ने 2014 में एशियन पैरा एशियाई खेल में उन्होंने पांचवा स्थान हासिल किया था. इस साल उन्होंने चीन ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर देश का परचम लहराया था. इतना ही नहीं 10 सितंबर 2016 को रियो पैरालंपिक के दौरान पुरुष वर्ग में 1.86 मीटर की ऊची जंप लगाकर कस्य पदक देश को दिलाया था. यही वजह है कि देश को कई बार पदक दिलाने की वजह से उन्हें अर्जुन और लक्ष्मण पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है. 

खराब हो गया था
हाई जंपर वरुण भाटी का जन्म 1995 में गौतम बुध नगर के जमालपुर में हुआ था. बचपन में ही पोलियो के शिकार हुए वरुण भाटी का एक पैर खराब हो गया था जिसकी वजह से परिजन काफी दुखी थे. लेकिन, एक के बाद एक पदक जीतकर वरुण भाटी ने ये साबित कर दिया शरीर से दिव्यांग होने के बावजूद भी अगर मन मे कुछ कर गुजरने कि चाह हो तो इंसान बड़े से बड़े लक्ष्य को भी हासिल कर सकता है.  

मेहनत कर रहे हैं वरुण भाटी
एथलीट वरुण भाटी इस वक्त दिल्ली में दिन रात मेहनत कर अभ्यास कर रहे हैं ताकि वो देश को स्वर्ण पदक दिला सकें. टोक्यो के पैरा ओलंपिक में शामिल होने के लिए एथलीट वरुण भाटी 22 अगस्त को रियो के लिए रवाना होंगे. इन दोनों खिलाड़ियों से प्रदेश ही नहीं बल्कि देश को काफी ज्यादा उम्मीदें हैं. क्योंकि, देश की जनता अब पैरा ओलंपिक में भी स्वर्ण पदक चाहती है ताकि हिंदुस्तान का परचम पूरी दुनिया में लहरा सके. 

https://www.youtube.com/watch?v=1HBPEizgQgs

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