उत्तर प्रदेश

घुसपैठिए बांग्लादेशियों का हिंदू नाम से फर्जी पासपोर्ट बनाकर भेजते थे विदेश

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UP ATS arrested 4 People: एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों को अवैध रूप से भारत लाकर उनके हिंदू नाम रखता था और फर्जी दस्तावेजों से पासपोर्ट बनाकर उन्हें विदेश भेजता था. पकड़े गए लोगों के पास से फर्जी दस्तावेजों से बनाए गए भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, कई एटीएम कार्ड और विभिन्न देशों की मुद्राएं बरामद हुई हैं. गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है.

एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि एटीएस ने मेहंदी हसन, मोमिनुर इस्लाम, शाओन अहमद और मिथुन मंडल को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए लोगों में तीन बांग्लादेशी नागरिक हैं जबकि मिथुन मंडल पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले का रहने वाला है. मिथुन ही बांग्लादेशियों के फर्जी दस्तावेज बनाकर उन्हें देश से बाहर भेजता था. 

मिथुन और उसके साथी बांग्लादेशी व रोहिंग्या लोगों को अवैध रूप से भारत लाकर उनके हिन्दू नाम रखते थे. इसके बाद सरकारी विभाग में अपनी जान-पहचान के लोगों से उनके फर्जी पहचानपत्र बनवाते थे. उन्हें रहने का ठिकाना दिलाते थे. छोटी-मोटी नौकरी भी दिलाते थे. बाद में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फर्जी पते से उनके पासपोर्ट तैयार कराए जाते थे. इसके बदले गिरोह के सदस्य बांग्लादेश और म्यांमार के लोगों से मोटी रकम वसूलते थे.

एटीएस को ऐसे गिरोह के बारे में कई सुराग मिले थे जिसके आधार पर छानबीन की जा रही थी. कुछ ऐसे व्यक्तियों के पासपोर्ट भी एटीएस को मिले थे. पासपोर्ट की जांच कराई गई तो उन पर लिखा हुआ नाम-पता फर्जी पाया गया. एटीएस गिरोह के पीछे लगी हुई थी. सूचना मिली कि गिरोह का एक सदस्य 3 बांग्लादेशी नागरिकों को लेकर राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली जा रहा है. इस पर एटीएस की वाराणसी की फील्ड यूनिट ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रुकवा कर इन लोगों को पूछताछ के लिए पकड़ लिया. पूछताछ में मानव तस्करी का खुलासा होने के बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. चारों के खिलाफ लखनऊ स्थित एटीएस थाना में धोखाधड़ी, साजिश रचने, पासपोर्ट अधिनियम, विदेशी अधिनियम समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है.

ट्रैवल एजेंसी की आड़ में मानव तस्करी करता था मिथुन

एटीएस के आईजी जीके गोस्वामी ने बताया कि मिथुन मंडल की पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले में यूरोपियन टूर एंड ट्रैवल नाम से एजेंसी है. इसी एजेंसी की आड़ में वह मानव तस्करी कर रहा था. पकड़े गए तीनों बांग्लादेशी बांग्लादेश के मदारगंज स्थित एक होटल में काम करते थे. तीनो 16 अगस्त 2021 को अवैध रूप से भारत बांग्लादेश की सीमा पार करके भारत आए थे. मिथुन ने ही तीनों के फर्जी नाम-पते से आधार कार्ड और पासपोर्ट बनवाया था. यही नहीं, तीनों को विदेश भेजने के लिए मिथुन ने कोरोना की फर्जी आरटीपीसीआर रिपोर्ट और वैक्सीनेशन रिपोर्ट भी बनवाई थी.

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